लगातार हर साल डूबती नजर आई है दिल्ली : विनोद जायस
* नहीं सुधार जा रहा ड्रेनेज सिस्टम
– हर्ष भारद्वाज –
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है | आलम यह है की दो तीन घंटे की बरसात में ही दिल्ली लबालब भर जाती है | और इस साल ही जलभराव के चलते कई लोग काल के ग्रास में समा चुके हैं | लेकिन दिल्ली सरकार इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी उत्तर पूर्वी जिले के उपाध्यक्ष ठौर विनोद जायस का |
विनोद जायस कहते है अरविन्द केजरीवाल सरकार अपनी गलतियों से भी सबक नहीं लेती और केवल बयानबाजी में लगे रहना इस सरकार की आदत बन चुकी है | विनोद जायस कहते हैं कि केजरीवाल ने 2021 में दिल्ली ड्रेनेज सिस्टम मास्टर प्लान 2021 को धरातल पर उतारकर नालियों मे जल निकासी के लिए बदलाव लाने के लिए टेक्नीकल एक्पर्ट कमेटी का गठन किया था, परंतु 30-35 साल पुरानी 3740 किलोमीटर लम्बाई की 2846 नालियां व नालों के लिए अलग-अलग प्लान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनी परंतु आज तक कोई काम नही हुआ। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की दिल्ली सरकार और एमसीडी की नाकामियों के कारण दिल्ली वासियों को होने वाली तकलीफ़ें कम होने का नाम नही ले रही है।
विनोद जायस ने कहा कि मानसून में जल भराव के कारण परेशान दिल्ली वालों को राहत देने में असफल दिल्ली नगर निगम, डीडीए और दिल्ली सरकार के पीडब्लूडी और बाढ़ विभाग बहाने बनाना बंद करके दिल्ली को एक स्वस्थ और सुचारु ड्रेनेज सिस्टम देने के लिए काम करें।
विनोद जायस ने कहा कि दिल्ली की अधिकतर जेजे कॉलोनियों, अनधिकृत कॉलोनियों, पुनर्वास कॉलोनियों, मलीन बस्तियों, हरिजन बस्ती और वाल्मीकि बस्ती जहां अधिकतर गरीब, निम्न, मध्यम वर्ग व गरीबी रेखा से भी नीचे तक के लोग रहते है वहां सरकार यहां पीने के पानी सहित जनसुविधाएं मुहैया कराने में फेल रही है वहीं अब मानसून की बारिश से कॉलोनी तलाब में तबदील होने के कारण बच्चे स्कूल और लोग अपने रोजगार पर जाने में असमर्थ दिखाई दे रहे है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और नगर निगम के जल निकासी के सारे दावे धराशायी हो गये हैं, आखिर कब तक दिल्ली की जनता झूठे वादे के भरोसे रहेगी।
विनोद जायस ने कहा कि दिल्ली के जल भराव की समस्या के समधान के लिए दिल्ली सरकार एक बार दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम दिसम्बर तक तैयार करने का दावा कर रही है और दिल्ली के तीनों जल निकासी के नाले नजफगढ़ बेसिन, बारापुला बेसिन और यमुनापार बेसिन को लेकर 31 दिसम्बर तक डीपीआर तैयार करने का दावा एक बार फिर खोखला साबित होगा। उन्होंने कहा नजफढ़ नाला 63.06 प्रतिशत ड्रेनेज एरिया कवर करता है जिसमें 123 छोटे नाले गिरते है, बारापुला नाला 24.28 तथा यमुनापार नाला 12.66 ड्रेनेज एरिया को कवर करता है। बारापुला में 44 और यमुनापार नाले में 34 छोटे नाले गिरते है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पिछले 10 वर्षों से लगातार ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने का दावा कर रही है परंतु हर साल वही हाल बना हुआ है जिसमें लोगों को जलभराव, पानी में करंट उतरने के कारण करंट से लोग मर रहे है परंतु सरकार की नीति में कोई बदलाव दिखाई नही देता।