आम आदमी पार्टी को कम आंकना कांग्रेस की भारी भूल
* भाजपा चल रही है संभल कर
* कांग्रेस आज भी हवा में
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,आम आदमी पार्टी को तो हमने निपटा दिया अब भाजपा को भी देख लेंगे ,ज्यादातर कांग्रेसी दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद यही कहते सुने जा रहे है | हम तो रोज सुन रहे हैं आपने भी सुना होगा | भाजपा को तो हमने पहले भी कई बार धूल चटाई है और आने वाला चुनाव कांग्रेस का ही है | ख्वाब लेना कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन ख्वाब पूरा होने में समय लगता है और उसे पूरा करने के लिए जमीन पर उतरना होता है ,कार्यकर्ताओं की टीम बनानी पड़ती है लेकिन कांग्रेस के पास अब न तो दिल्ली में सशक्त लीडरशिप है और ना ही कोई ठोस रणनीति | जहां तक कार्यकर्ताओं का सवाल है वो कल भी थे आज भी हैं और यदि कांग्रेस के कर्णधारों की यही नीति रही तो आने वाले समय में कार्यकर्ताओं का भी अकाल पार्टी में पड़ जाएगा इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | जी हाँ हम सही कह रहे है कांग्रेस के आधे से ज्यादा कर्मठ कार्यकर्ता शीला दीक्षित के समय के बाद आम आदमी पार्टी या भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं | और दोनों ही पार्टियों नें उन कार्यकर्ताओं और नेताओं को सर माथे पर बिठाते हुए विधायक या निगम पार्षद बनाया है | समझ गए ना आप कार्यकर्ताओं का महत्व, जो शायद कांग्रेस में नहीं है |
दूसरे शब्दों में रस्सी जल गई मगर ऐंठ नहीं गई ,लगातार जीरो ,जीरो फिर जीरो शायद ही किसी पार्टी की ऐसी दुर्गति होती देखी होगी जो पिछले तीनलोकसभा तथा तीन विधानसभा चुनावों में खाता भी नहीं खोल पाई | और यदि यही हाल रहा तो हमें तो नगर निगम के आगामी चुनावों में भी कोई सुधार की उम्मीद नहीं है | जिस पार्टी में प्रत्याशी चयन और पदाधिकारी चयन का ही कोई मापदंड नहीं हो वह आगे बढने की कैसे सोच सकती है | धरातल में समाने के बावजूद जिस पार्टी में एक दूसरे को निपटाने की रणनीति पर काम चलता रहे वह पार्टी कभी भी आगे नहीं बढ़ सकती | जहां तक आम आदमी पार्टी का सवाल है यदि कोई उसे कमजोर समझने की भूल कर रहा है तो वह गलतफहमी का शिकार है | इस चुनाव में भी उसे 43.57 फीसदी वोट मिले हैं जबकि भाजपा को 45.56 यानी दोनों में दो फीसदी से भी कम का अंतर है |
आप को सीट भी 22 मिली है ,इतना ही नहीं भाजपा यदि 48 सीटें जीती हैं तो आप पार्टी 47 स्थानों पर दूसरे नम्बर पर रही है | समझ गए ना आप कांग्रेस कहाँ खड़ी है, और उसे आगे बढने के लिए कितनी मेहनत और कर्मठ नेत्रत्व की जरूरत है | भाजपा इस गणित को अच्छे से समझ चुकी है और उसके रणनीतीकारों को मालुम है थोड़ी सी भी चूक हुई तो आप की वापसी कोई मुश्किल नहीं है | लिहाजा भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है | और इतना सब कुछ गवाने के बाद कांग्रेस आज भी गफलत में है |आज बस इतना ही …