अलका को आतिशी ,संदीप को अरविन्द के खिलाफ उतार कांग्रेस नें पेश की कड़ी चुनौती
* फरहाद सूरी सिसोदिया तो इशराक बनेगें गोपाल राय के लिए सरदर्द
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,आजकल राजनीतिक हल्के हों या आम जनता के सियासी कार्नर यानी वे नुक्कड़ जहां केवल और केवल चुनावी चर्चा होती है एक बात सुनने में आ रही है, जो हमने भी कई बार सुनी है तो आप भी सुन ही रहे होंगे, इस बार कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ने जा रही है | और कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी | सही बताईये सुनी है या नहीं ,ज्यादातर का जवाब होगा जी हाँ यही चर्चा चल रही है शहर में ,आज हमसे मिलने एक ऐसे महानुभव पधारे जिनके मुहं से हमने कभी कांग्रेस की चर्चा नहीं सुनी नाम भी बता देते हैं पंडित अशोक दीक्षित यमुनापार के बड़े धर्माचार्यों में उनकी गिनती होती है | पंडित जी भाजपा के अलावा कोई और बात नहीं करते ,भाजपा के कई बड़े नेताओं के यहाँ धर्मकर्म के आयोजन करते रहे हैं | कहने लगे पत्रकार बाबू इस बार तो कांग्रेस अच्छा करने वाली है आप देख लेना कांग्रेस की पोजीशन में बड़ा सुधार होगा और कई सीटें जीतेगी |
हमने पूछा पंडित जी आज कहाँ से आ रहे हो सुबह-सुबह कांग्रेस का गुणगान कर रहे हो | कहने लगे पुजारियों की सभा से आ रहा हूँ जहां केजरीवाल की घोषणाओं पर चर्चा चल रही थी सोचा आपसे मिलता चलूं हमने पूछा क्या कह रहे थे पुजारी उन्होंने बताया कह रहे थे जब इमामों को ही धरने प्रदर्शन करने पड़ रहे है तो हमें कौन कुछ दे रहा है ये सब चुनावी जुमले है | दस साल से इमाम सब कुछ थे, चुनाव आये तो पुजारी और ग्रन्थि भी याद आ गए |
समझ गए आप अरविन्द नें ऐसे बीज बो दिए हैं कि पुजारी भी सभाएं करने लग गए ,लेकिन अरविंद नें कबीर साहब की वाणी जरूर सुनी होगी जब बीज बबूल के बोए तो आम कहाँ से होए यानी जैसी करनी वैसी भरनी | हमें इस बात से कुछ लेना देना नहीं है अरविन्द जाने या पुजारी ,लेकिन इस बात में दम है कांग्रेस मजबूती से घेराबंदी में लगी है इसे कांग्रेस की रणनीति समझो या अरविन्द और आतिशी के आरोप कि कांग्रेस केवल आप को नुकसान पहुंचाना चाहती है | लेकिन हमारा कहना है आप करो तो रासलीला कोई और करे तो …अब आप ही देखिए चर्चा क्यों हो रही है अरविन्द के सामने संदीप दीक्षित जिन्होंने उनकी पूरी घेराबंदी कर शहर में चर्चा का विषय बना दिया है | और अब अलका भी नाम नहीं है हल्का, आतिशी की घेराबंदी के लिए मैदान में आ गई है | देख लेना एक छोर पर संदीप तो दूसरे पर अलका तगड़ी घेराबंदी करते दिखेगें | फरहद सूरी जहां मनीष सिसोदिया तो इशराक यानी अपने भूरे भाई गोपाल राय को चैन की सांस नहीं लेने देगें | अब तो आप समझ ही गए होंगे आखिर क्यों चल रही है शहर में चर्चा जैसे पंडित अशोक दीक्षित जी चर्चा कर रहे हैं और भी करेंगें | आज बस इतना ही …