
अभिनेत्री तनुश्री दत्ता की गिनती उन कलाकारों में होती है, जो बेखौफ होकर अपनी बात रखते हैं। तनुश्री बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं। एक बार फिर वह चर्चा में हैं। दरअसल, तनुश्री इस बार अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चर्चा में है, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड माफिया पर अपने उत्पीड़न का आरोप लगाया है। तनुश्री ने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए एक लंबा नोट लिखा है। इसमें उन्होंने अपनी तकलीफ जाहिर की है।
मेरी गाड़ी के ब्रेक दो बार खराब किए गए
उन्होंने कहा है कि बॉलीवुड माफिया उन्हें परेशान कर रहा है, लेकिन वह डरने वालों में से नहीं हैं। तनुश्री ने पोस्ट में लिखा है, ‘मुझे परेशान किया जा रहा है और निशाना बनाया जा रहा है। प्लीज आप कुछ करिए।!’ उन्होंने आगे लिखा, ‘पहले तो मेरा बॉलीवुड वर्क पिछले एक साल में तहस-नहस कर दिया गया है। फिर एक मेड को प्लांट किया गया जिसने मेरे पानी में दवाएं और स्टेरॉइड मिला दिए, जिससे मुझे कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो गईं। फिर जब मैं उज्जैन चली गई तो वहां पर मेरी गाड़ी के ब्रेक दो बार खराब किए गए और मेरा एक्सीडेंट हो गया। मैं मरने से बाल-बार बची और फिर 40 दिन के बाद सामान्य जिंदगी जीने के लिए मुंबई वापस आ गई। अब मेरी बिल्डिंग में मेरे फ्लैट के बाहर अजीब और घटिया चीजें हो रही हैं।’ तनुश्री ने आगे लिखा कि एक बात तो पक्की है कि मैं सुसाइड नहीं करूंगी। यह बात सभी कान खोलकर सुन लो। ना ही मैं यहां से कहीं भागने वाली हूं। मैं यहां रहने आई हूं और अपने करियर को और ऊंचा उठाऊंगी।
बहुत से लोग मेरी बातों को खारिज करेंगे
बॉलीवुड माफिया, महाराष्ट्र का पुराना राजनीतिक सर्किट और घटिया सोच वाले एंटी नेशनल क्रिमिनल आमतौर पर लोगों को परेशान करने के लिए इस तरह काम करते हैं।’ अभिनेत्री ने यह भी लिखा कि मुझे यकीन है कि ‘मीटू’ के दोषी और जिस एनजीओ का मैंने पर्दाफाश किया था, वही के लोग इसके पीछे हैं। उनके अलावा कोई और आखिर मुझे टारगेट या परेशान क्यों करेगा। शर्म करो ! मुझे पता है कि बहुत से लोग मेरी बातों को खारिज करेंगे, लेकिन मैं इस बारे में बहुत लंबे वक्त से इंस्टा पर अपडेट डालती रही हूं।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन और सैन्य शासन लगा दिया जाए
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही ज्यादा मानिसक और मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न है। यह किस तरह की जगह है जहां पर युवाओं को अन्याय के खिलाफ खड़े होने पर परेशान किया जाता है और मार दिया जाता है। काश महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन और सैन्य शासन लगा दिया जाए और केंद्र सरकार जमीनी स्तर के मामलों पर भी पूर्ण नियंत्रण ले। यहां चीजें वास्तव में हाथ से निकल रही हैं। मेरे जैसे सामान्य लोग पीड़ित हैं। यहां पर कुछ बड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है।