Manipur Violence 2025: मणिपुर में कुकी उग्रवादियों के बीच खूनी टकराव, संगठन के 5 सदस्यों की गोली मारकर हत्या
मणिपुर राज्य एक बार फिर उग्रवादी हिंसा की चपेट में आ गया है। सोमवार देर रात नुनी जिले के दूरस्थ देवाईजंग गांव में एक चौंकाने वाली घटना में कुकी उग्रवादी संगठन “चिन कुकी मिजो आर्मी” (CKMA) के पांच सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह हत्याएं संगठन के अंदर चल रहे आपसी विवाद का नतीजा हैं, जिसने राज्य की नाजुक स्थिति को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 53 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल है। पुलिस और प्रशासन के मुताबिक, जिन युवकों की हत्या हुई, वे सभी CKMA संगठन से जुड़े थे — यह संगठन उन कुकी उग्रवादी समूहों में से एक है, जो केंद्र सरकार के साथ 2008 में हुए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन्स (SoO) समझौते का हिस्सा नहीं हैं।
पुलिस का कहना है कि अभी तक हत्याओं की पुख्ता वजह सामने नहीं आई है, लेकिन शुरुआती जांच में संगठन के भीतर आपसी मतभेद, नेतृत्व संघर्ष या अनुशासनहीनता की आशंका जताई जा रही है। इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच तेज कर दी गई है। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
CKMA ने दी प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम के बाद CKMA ने अपनी स्थानीय भाषा में एक बयान जारी करते हुए कहा कि “कुछ गलतफहमियों और आपसी दुर्भावनाओं के चलते हमारे पांच साथियों की जान गई है। यह न केवल संगठन के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक गहरी क्षति है।” संगठन ने साथ ही यह भी अपील की कि मामले को शांतिपूर्वक सुलझाया जाए और आगे किसी तरह की हिंसा से बचा जाए।
मणिपुर की नाजुक स्थिति और बढ़ती चुनौतियां
मणिपुर पहले से ही कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय तनाव से जूझ रहा है। ऐसे में CKMA जैसी असहमति वाले संगठनों में आंतरिक संघर्ष का सामने आना सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बन गया है। इससे पहले चुराचांदपुर में भी अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा चार लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
सरकार और RSS की सक्रियता
राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी सक्रिय है। RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेडकर ने कहा है कि “हमारे प्रचारक कुकी और मैतेई समुदायों से बातचीत कर रहे हैं ताकि सामाजिक समरसता कायम की जा सके।”
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली में भी मणिपुर संकट पर अहम बैठकें हो रही हैं जहां सिविल सोसाइटी संगठनों ने केंद्र सरकार से ठोस कार्ययोजना की मांग की है।
शांति की अपील और जांच जारी
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां घटना को गंभीरता से लेते हुए हर पहलू की जांच कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों की पहचान कर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी ताकि राज्य में दोबारा इस तरह की घटनाएं न हो।



