योजनाओं का नाम बदलने में माहिर है भाजपा की सरकार : नीलम चौधरी

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नीलम चौधरी
योजनाओं का नाम बदलने में माहिर है भाजपा की सरकार : नीलम चौधरी

योजनाओं का नाम बदलने में माहिर है भाजपा की सरकार : नीलम चौधरी

दूसरी सरकार की योजनाओं को बताना है पुराना काम

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार की तो कोई नई योजना लाती नहीं बल्कि पूर्व में शुरू की गई दूसरी सरकार की योजनाओं में थोडा बहुत बदलाव कर और उस योजना का नाम बदलकर शुरू कर जनता को गुमराह करने का काम लम्बे अरसे से करती आई है | यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का |

नीलम चौधरी कहती है केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें इस काम में माहिर हैं | नीलम चौधरी कहती है इलेक्ट्रिक बसों की योजना शीला दीक्षित सरकार में बनी थी जिसे आम आदमी पार्टी की सरकार नें रंग बदलकर चालु किया तो भाजपा की सरकार नेनुस योजना का नाम ही बदल डाला और दीदी योजना नाम देकर बसों पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की फोटो लगवाकर झूठा श्रेय लेने का प्रयास किया | कुछ इसी तरह मौहल्ला क्लीनिकों का नाम बदलकर अब आयुष्मान आरोग्य मन्दिर नाम दे दिया और प्रचार कर डाला रेखा गुप्ता सरकार इस योजना को लेकर आई है |

नीलम चौधरी कहती है दिल्ली में 33 ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की योजना महज़ पुरानी बोतल में नई शराब है। सरकार ने सिर्फ मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदल दिया है, जबकि जमीनी हालात वही पुराने हैं यानी भाजपा अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आने वाली | नीलम चौधरी कहती है तीस हजारी में एक पुराने मोहल्ला क्लीनिक को “पहला आयुष्मान आरोग्य मंदिर” के रूप में पेश किया गया, जबकि वहां न पर्याप्त स्टाफ है, न दवाइयां, न फार्मासिस्ट, न योग प्रशिक्षक और न ही डाटा एंट्री ऑपरेटर। चार कर्मचारियों के सहारे पूरे केंद्र को मॉडल हेल्थ सेंटर की तरह चलाने की योजना बनाकर भाजपा दिल्लीवासियों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। टीकाकरण, योग और परिवार नियोजन जैसी सेवाओं के लिए प्रशिक्षित स्टाफ और समुचित ढांचा जरूरी होता है, जिसकी इन केंद्रों में भारी कमी है।

नीलम चौधरी कहती हैं इन 33 केंद्रों के सीमित स्टाफ से ही 123 नए केंद्रों को चलाने की योजना बनाई गई है, जिससे हर कर्मचारी को चार-चार केंद्रों की जिम्मेदारी दी जा रही है। यह व्यवस्था पूरी तरह अव्यवहारिक और अव्यवसायिक है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्राप्त 56.31 करोड़ रुपये के बजट में से केवल 98 मेडिकल ऑफिसर, 123 स्टाफ नर्स, 33 लेडी हेल्थ विज़िटर और 33 पब्लिक हेल्थ मैनेजर की नियुक्तियों की बात है, जिससे 123 केंद्रों का संचालन प्रभावी ढंग से संभव नहीं। यह दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का काम है। उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट में कुल 320 करोड़ (192 करोड़ केंद्र सरकार और 128 करोड़ राज्य सरकार) का प्रावधान था, लेकिन अब तक केवल 56.31 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है, जो दर्शाता है कि सरकार की मंशा और योजना दोनों अधूरी हैं।

नीलम चौधरी कहती हैं कि 1139 आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोलने का दावा पूरी तरह भ्रामक है, क्योंकि जिस पीएम-अभीम योजना से यह ढांचा बनना है, वह इस वर्ष समाप्त हो रही है और मिशन के दस्तावेज़ भी यही दर्शाते हैं कि सरकार की योजना केवल 123 पुराने केंद्रों के नाम बदलने तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र और राज्य के मिलाकर लगभग 2100 करोड़ रुपये आयुष्मान और वेलनेस केंद्रों पर खर्च किए जाने थे, लेकिन केजरीवाल सरकार की झूठी टकरावपूर्ण और लचर नीति के कारण यह राशि खर्च नहीं हो सकी और अब इसके लेप्स होने का खतरा है |

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