सपा सांसद अफजाल अंसारी की सजा पर हाई कोर्ट से आया बड़ा अपडेट, सियासी भविष्य पर लगेगा विराम!

0
60

सपा सांसद अफजाल अंसारी की सजा पर हाई कोर्ट से आया बड़ा अपडेट, सियासी भविष्य पर लगेगा विराम!

गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में पिछले साल 29 अप्रैल को 4 साल की सजा मिली थी. सजायाफ्ता होने की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी.

उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बरकरार रहेगी या निरस्त हो जाएगी, इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई आज पूरी हो गई है. इस सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया है. अदालत का फैसला अगले हफ्ते आने की उम्मीद है. अफजाल अंसारी का सियासी भविष्य इलाहाबाद हाईकोर्ट से जल्द आने वाले फैसले पर ही निर्भर करेगा.

गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में पिछले साल 29 अप्रैल को 4 साल की सजा मिली थी. सजायाफ्ता होने की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी. अफजाल अंसारी ने 4 साल की सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी और ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में अफजाल अंसारी को जमानत तो दे दी थी, लेकिन उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई थी.

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील पर 30 जून तक फैसला देने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक लगने की वजह से अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई थी और इस आधार पर वह दोबारा लोकसभा का चुनाव लड़ सके थे.

हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में हो रही थी. इस बीच यूपी सरकार और बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार वालों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर सांसद अफजाल अंसारी की सजा को बढ़ाए जाने की गुहार लगाई. हाईकोर्ट में तीनों मामलों की सुनवाई एक साथ हो रही थी. कोर्ट में अफजाल अंसारी की तरफ से दलील पेश की गई थी उनके खिलाफ गैंगस्टर का केस बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय मर्डर केस के आधार पर दर्ज किया गया था. उस केस में वह कई साल पहले बरी हो चुके हैं.

दलील दी गई कि अगर वह मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं तो उसे आधार पर दर्ज गैंगस्टर का केस भी रद्द होना चाहिए. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आज अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया. अफजाल अंसारी की तरफ से कोर्ट में उनके अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने दलीलें पेश की, जबकि कृष्णानंद राय के परिवार की तरफ से अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने पक्ष रखा. अफजाल अंसारी को अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती और उनकी सजा रद्द नहीं होती है तो उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो जाएगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here