
कुतुबमीनार की सच्चाई जानने के लिए एएसआइ करेगा अध्ययन, मूर्तियों के साथ लगेंगे कल्चरल नोटिस बोर्ड
अस्तित्व को लेकर उपजे विवाद के चलते अब कुतुबमीनार का अध्ययन होगा, जिसमें पता लगाया जाएगा कि कुतुबमीनार चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय से है या इसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था। इस अध्ययन की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सौंपी गई है। परिसर में खोदाई कर जमीन में दबे इतिहास के बारे में पता लगाया जाएगा।
साथ ही कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद पर लगीं हिंदू व जैन मूर्तियों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देने के लिए नोटिस बोर्ड लगाए जाएंगे। मूर्तियों के बारे में जानने के लिए भी सर्वे किया जाएगा।केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव गो¨वद मोहन कुतुबमीनार पहुंचे और दो घंटे से अधिक समय तक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को कई निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों के साथ कुतुबमीनार की सच्चाई को लेकर बातचीत की
उन्होंने एएसआइ के वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य विशेषज्ञों के साथ कुतुबमीनार की सच्चाई को लेकर बातचीत की, जिसमें दो तरह के मत सामने आए। कुछ का कहना था कि कुतुबमीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया है तो कुछ का मानना था कि यह चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय की है। इसके बाद तय हुआ कि इसका अध्ययन कराया जाए, जिससे इसके इतिहास से पर्दा उठाया जा सके।