रमेश विधूड़ी को भेजा जा सकता है चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान

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रमेश विधूड़ी को भेजा जा सकता है चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान
रमेश विधूड़ी को भेजा जा सकता है चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान

रमेश विधूड़ी को भेजा जा सकता है चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान

* रामवीर विधूड़ी को लड़ाया जा सकता है साऊथ दिल्ली से

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम भाजपा नेता राग अलाप रहे है अबकी बार चार सौ पार | सुनने में यह नारा भाजपा प्रेमियों को जरुर अच्छा लग रहा होगा लेकिन जमीनी हकीकत पर गौर करें तो इसे भाजपा का आत्मविश्वास माना जाए या विपक्ष पर दबाव बनाने और अपने पक्ष में माहौल बनाने का तरीका | अपना मानना है भाजपा का अपने पक्ष में माहौल बनाने में कोई सानी नहीं है या यूँ कहिये खुले मैदान में उसे दूर-दूर तक कोई चुनौती मिलती नहीं दिख रही | यदि चार सौ पार के प्रति भाजपा इतनी आश्वस्त है तो उसे छोटे मोटे दलों में सेंध लगाने की क्या जरूरत है और चुनावी सीजन में भारत रत्न की बौछार करने की क्या जल्दबाजी है | इतना ही नहीं प्रत्याशी चयन के लिए चार-चार सर्वे कराने की कौन सी मजबूरी है | यदि इतनी ही लहर है तो लडवा दो किसी को ,कोई भी जीत जाएगा | लेकिन नहीं चार सौ तो क्या तीन सौ का आंकड़ा भी तभी टच किया जाएगा जब हर मोर्चे पर पार्टी की पैनी नजर होगी |

जी हाँ भाजपा में इसी रणनीति पर चल रहा है काम | भाजपा करीब सौ के आसपास ऐसे लोगो की टिकिट काटने जा रही है जिनकी क्षेत्र में पकड़ कम है ,जो दो बार या दो से अधिक चुनाव लड़ चुके हैं या जिनका विवादों से नाता रहा है उनकी सीट बदली जायेगी या उन्हें विराम दिया जाएगा | राजधानी दिल्ली भी इस फार्मूले से अछूती नहीं रहने वाली , बात हमने शुरू की थी रामबीर सिंह विधूड़ी से और पहुंच गए कहाँ | जी हाँ मुद्दे की जड़ तक पहुंचना जरूरी होता है दरअसल रमेश विधूड़ी साऊथ दिल्ली से दो बार चुनाव लड़ चुके है और विवादों से उनका पुराना नाता रहा है लोकसभा में ‘चंद्रयान-3 की सफलता’ पर चल रही चर्चा के दौरान एक सांसद की ‘टिप्पणी’ अगले दिन सियासी बवंडर में बदल गई बसपा सांसद कुंवर दानिश अली को निशाने पर रखते हुए रमेश बिधूड़ी ने जो कुछ कहा, वो अब लोकसभा की दर्ज कार्यवाही का हिस्सा नहीं है और न उसे किसी भी तरह से दोहराया जाना मुमकिन है.

बिधूड़ी ने जो कहा, उसके असंसदीय होने की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फौरन इस पर अपना अफसोस जाहिर किया.बसपा सांसद दानिश अली को कहे गए अपशब्दों को लेकर पड़े चौतरफा दबाव के बाद बीजेपी को अपने सांसद को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा | इस प्रकरण के बाद ही पार्टी नें रमेश विधूड़ी को राजस्थान के एक गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र का प्रभारी भी बना दिया था | जहां रमेश नें काफी मेहनत की और विधानसभा चुनावों में उसका रिजल्ट भी सामने आया | सूत्रों का दावा है पार्टी उन्हें साऊथ दिल्ली के स्थान पर राजस्थान के गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र दौसा से चुनावी जंग में उतार सकती है | जहां तक साऊथ दिल्ली का सवाल है पार्टी यहाँ से अनुभवी तथा जमीनी नेता नेता प्रतिपक्ष दिल्ली विधानसभा रामबीर सिंह विधूड़ी या पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा को मौका दे सकती है | रामबीर विधूड़ी आम आदमी पार्टी की आंधी के बावजूद बदरपुर से चुनाव जीतने ,में कामयाब रहे थे | उन्हें चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है और जिस पार्टी में भी वे रहते है वहां अपना पक्ष मजबूती से रखना आता है और यदि प्रवेश वर्मा की भी सीट बदलनी पड़ी और उनका साऊथ दिल्ली में नम्बर नहीं लगता तो हरियाणा की किसी जाट बाहुल्य सीट से भी मौका दिया जा सकता है | आज बस इतना ही …

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