दिल्ली में इंसानियत शर्मसार, एक्सीडेंट के बाद रोड पर तड़पता रहा फिल्मकार, लोग चुरा ले गए सामान, हुई मौत
दिल्ली में एक युवा फिल्मकार पीयूष पाल की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई. बाइक सवार की ओर से टक्कर मारे जाने के बाद खून से लथपथ पड़े पीयूष पाल की किसी ने मदद नहीं की.
दिल वालों का शहर कहे जाने वाले देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) से इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है. यहां दक्षिणी दिल्ली में सड़क हादसे में घायल हुए एक 30 साल के युवा फिल्मकार पीयूष पाल की मौत हो गई. हैरानी की बात यह है कि हादसे के बाद तकरीबन 20 मिनट तक वो रोड पर खून से लथपथ पड़ा रहा, लेकिन, वहां से गुजर रहे किसी भी राहगीर ने उसकी मदद नहीं की.
इस पूरे मामले में सबसे दुखद पहलू यह रहा कि लोग वहां रुके तो जरूर, लेकिन पीयूष पाल की मदद के लिए नहीं बल्कि तमाशबीन की तरह उस दुखद मंजर को देखने और उसका वीडियो बनाने के लिए. एक और बात जो संवेदनहीनता की हद से भी आगे निकल गई कि जो भी लोग वहां पर रुके उनमें से किसी ने घायल पड़े पीयूष पाल की मदद तो नहीं की, अलबत्ता किसी ने उनका मोबाइल और कैमरा जरूर चुरा लिया.
आरोपी बाइक सवार की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पीयूष खून से लथपथ सड़क पर पड़ा मिला था, जिसे देखकर पुलिस तुरंत ही अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और पीयूष पाल की मौत हो चुकी थी. इस मामले में पुलिस सम्बंधित धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन में जुट गई है और सीसीटीवी फुटेजों को खंगाल कर आरोपी बाइक सवार की पहचान की कोशिश कर रही है.
सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ पूरा हादसा
इस हादसे के बाद इसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि पीयूष अपनी बाइक से आ रहा था, जब एक बाइक सवार ने लापरवाही से बाइक चलते हुए टक्कर मार कर गिरा दिया और वे काफी दूर तक घिसटता चला गया. हादसे में बुरी तरह की घायल होने के बाद लगभग 20 मिनट तक पीयूष वहीं पड़ा रहा, लेकिन वहां मौजूद लोग सिर्फ वीडियो बनाने और तस्वीर लेने के साथ तमाशबीन बने रहे. किसी ने भी उनकी मदद नहीं की, जिससे उसकी मौत हो गई. अगर समय रहते लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया होता तो शायद आज पीयूष जिंदा होता.
पीयूष के दोस्तों ने जताई नाराजगी
मृतक पीयूष के दोस्तों ने इस पूरे मामले को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा वह लगभग 20 मिनट तक वहां घायल अवस्था मे पड़ा रहा. इस दौरान अगर एक भी इंसान ने संवेदनशीलता दिखाते हुए उसकी मदद की होती तो जान बच सकती थी. लेकिन, उनकी मदद तो दूर की बात है, वहां मौजूद लोगों में से कुछ लोगों ने उनके समान ही चुरा लिए, जिसमें उनका मोबाइल और गो-प्रो कैमरा शामिल था.