गुजरात के बोटाद जिले में रविवार रात जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों का आंकड़ा 24 पहुंच गया है। 47 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं। डीजीपी आशीष भाटिया ने मीडिया के समक्ष इसकी पुष्टि की है। इस मामले में दो दर्जन मौतों के बाद प्रशासन में हड़कप मच गया है। जिसके बाद पुलिस ने संदिग्ध शराब तस्करों को हिरासत में ले लिया है। सरकार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने जांच के लिए डीएसपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच सौंपी है। भारतीय ट्राईबल पार्टी के विधायक महेश वसावा ने की पीड़ितों से मुलाकात कर कहा कि राज्य में शराबबंदी के नाम पर हफ्ताखोरी चल रही है। मृतकों के परिजनों के लिए 50-50 लाख की सहायता की मांग की। शाम होते-होते जहरीली शराब के कारण लोगों के मरने की खबर आने लगी। भावनगर रेंज आईजी अशोक यादव ने इस घटना की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया है। पुलिस उपाधीक्षक इसका नेतृत्व करेंगे। धंधुका के विधायक राजेश गोहिल ने दावा किया है कि अहमदाबाद जिले की दम डूबा तहसील के कई गांव में अब तक एक दर्जन लोगों की मौत हुई है तथा दो दर्जन लोगों की हालत खराब है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोषी एवं प्रवक्ता मनहर पटेल ने भाजपा सरकार को दोषी बताते हुए कहा है कि सरकार की भ्रष्ट नीति के कारण राज्य में गांव से गांधीनगर तक भ्रष्टाचार फैला है। आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है माफिया व अवैध शराब का कारोबार करने वाले लोग पुलिस अधिकारियों को भी धमकाने लगे हैं। महात्मा गांधी के गुजरात में राज्य की स्थापना के साथ ही शराब बंदी लागू की गई थी लेकिन भाजपा की भ्रष्ट नीति के कारण आज शराब का कारोबार फल-फूल रहा है।