विंटर एक्शन प्लान बेबुनियाद आधारशिला पर तैयार करने की योजना है : दीपक गाबा
नई दिल्ली (सी.पी..पी.एन. ) : दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय प्रदूषण नियंत्रण का विंटर एक्शन प्लान पुरानी खोखली और बेबुनियाद आधारशिला पर तैयार करने की योजना है जिसे दिल्ली सरकार पिछले 10 वर्षों से दोहरा रही है। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी शाहदरा जिले के महामंत्री दीपक गाबा का | दीपक गाबा कहते हैं दिल्ली में प्रदूषण के लिए केजरीवाल सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।
दीपक गाबा ने कहा कि यदि गोपाल राय की यह मंशा हैं कि राजधानी में प्रदूषण का मसला सबके सहयोग और मिलकर निपटेगा, तो प्रदूषण सहित जल भराव, दिल्ली की सड़कों की हालत, नालों की बदहाल स्थिति, भयंकर जल संकट, महिलाओं पर अत्याचार, बिजली बिलों में बेलगाम बढ़ोत्तरी जैसे जनता से जुड़े मामलों पर संज्ञान लेना चाहिए |
दीपक गाबा ने गोपाल राय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्यों जनता के टैक्स का हजारां करोड़ खर्च होने के बाद भी दिल्ली सरकार दिल्ली वालों को स्वच्छ
हवा नही दे पा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से होने वाले प्रदूषण को 31 प्रतिशत बताकर गोपाल राय दिल्ली की जनता को गुमराह क्यों कर रहे है? जबकि पिछले वर्ष दिसम्बर में डब्लूएचओ ने एक रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली के खतरनाक प्रदूषण में वाहनों से 10-30 प्रतिशत, सड़क व निर्माण से निकले धूल कण से 10-30 प्रतिशत, औद्योगिक इकाईयों से 10-30 प्रतिशत, खुले में कचरा जलाने से 5-15 प्रतिशत, नजदीकी शहरों में पावर प्लांट से 7 प्रतिशत से कम, मौसमी धूल कण जो नजदीकी राज्यों से आते है 5 प्रतिशत से कम, नजदीकी राज्यों से खेती वेस्ट व पराली जलाने से 3 प्रतिशत से कम कम प्रदूषण होता है।
दीपक गाबा ने कहा कि नजदीकी राज्यों से होने वाले प्रदूषण में पंजाब का नाम न लेकर गोपाल राय ने प्रदूषण नियंत्रण में अपनी नाकामी को स्वीकार लिया है क्योंकि जब पंजाब में दूसरी सरकार थी तब केजरीवाल चीख-चीख कर पंजाब में पराली जलाने को दिल्ली में प्रदूषण का कारण बताते थे, क्या आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद पंजाब में खेती होना बंद हो गई या पराली जलाना बंद कर दिया है, गोपाल राय दिल्ली की जनता को जवाब दें? उन्होंने कहा कि गोपाल राय अपने नेता अरविंद केजरीवाल से एक कदम पीछे नहीं है, अभी दो दिन पहले उन्होंने प्रदूषण रोकथाम के लिए कृत्रिम बारिश को विंटर एक्शन प्लान के 14 सूत्रो में एक एक घोषित किया था परंतु एकदम से आज यह कहना कि समय बहुत कम है, का क्या अर्थ है? नवंबर-दिसंबर में पूरे 3 महीने का समय है, क्या विधानसभा चुनाव में अपनी हार को स्वीकार करके गोपाल राय प्रदूषण नियंत्रण के विषय को अगली सरकार के पाले में डाल रहे है।