‘ये सुप्रीम कोर्ट के लिए सही नहीं’, CJI चंद्रचूड़ के घर पहुंचे पीएम मोदी तो कपिल सिब्बल ने और क्या कहा?

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वो जिस रफ्तार से काम करते हैं...' कपिल सिब्बल ने जमकर की CJI की तारीफ; ये  है वजह - Kapil Sibal praised cji dy chandrachud on inauguration of Multi  Facilitation Centre

Kapil Sibbal on CJI Chandrachud: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (11 सितंबर) को नई दिल्ली स्थित भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणपति पूजा समारोह में शामिल हुए. इसे लेकर अब विपक्षी दलों ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इस बीच राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने गुरुवार (12 सितंबर) को कहा, “मैंने सोशल मीडिया पर कुछ प्रसारित होते देखा और सच कहूं तो मैं हैरान रह गया. मैं 50 से ज्यादा सालों से सुप्रीम कोर्ट और इस संस्था में हूं. जब मैंने यह क्लिप देखी जो वायरल हो रही थी तो मैं हैरान रह गया. ये सुप्रीम कोर्ट के लिए सही नहीं है.”

समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने आगे कहा, “किसी भी सार्वजनिक पदाधिकारी को निजी कार्यक्रम का प्रचार नहीं करना चाहिए. मुझे यकीन है कि शायद सीजेआई को पता नहीं होगा कि इसे प्रचारित किया जा रहा है, पीएम को ऐसे निजी कार्यक्रम में जाने में कभी दिलचस्पी नहीं दिखानी चाहिए थी. अगर इसके बारे में गपशप हो रही है, तो यह संस्था के लिए उचित नहीं है.”

SC के बारे में लगाई जा सकती हैं अनावश्यक अटकलें 

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह इस बात से चिंतित हैं कि बैठक से सुप्रीम कोर्ट के बारे में अनावश्यक अटकलें लगाई जा सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘”यह मुद्दा किसी व्यक्ति का नहीं है, मुद्दा यह है कि इस तरह की क्लिप का लोगों के दिमाग पर क्या असर पड़ता है. ऐसे में आपको खुद को ऐसी स्थिति में नहीं डालना चाहिए, जहां लोग संस्था के बारे में गपशप करें और अटकलें लगाना शुरू कर दें.

PM को निजी कार्यक्रम में जाने की नहीं दिखानी चाहिए रुचि

कपिल सिब्बल ने कहा,’ दूसरी बात यह है कि भारत के प्रधानमंत्री को ऐसे निजी कार्यक्रम में जाने में रुचि नहीं दिखानी चाहिए थी. क्योंकि प्रधानमंत्री ने, जिनसे उन्होंने सलाह ली होगी, उन्हें बताया होगा कि इससे गलत संदेश जा सकता है. उन्होंने कहा, ” इससे एक तरह की बहस शुरू हो जाती है जो अनावश्यक है और संस्थान के लिए हानिकारक है। हो सकता है कि इसके पीछे कुछ भी न हो, कोई मकसद न हो। लेकिन इससे अटकलों को बढ़ावा मिलेगा, जो संस्थान के लिए अच्छा नहीं है.

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