डबल इंजन की सरकार भी अपराध दर रोकने में साबित हो रही है नाकाम : नीलम चौधरी

0
15
नीलम चौधरी
डबल इंजन की सरकार भी अपराध दर रोकने में साबित हो रही है नाकाम : नीलम चौधरी

डबल इंजन की सरकार भी अपराध दर रोकने में साबित हो रही है नाकाम : नीलम चौधरी

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली में अपराध दर कम होने का नाम नहीं ले रही ,हत्या,लूटपाट,झपटमारी की वारदातों में कोई कमी नहीं आ रही | महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों के प्रति भी अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे | यह कहना है बाबरपुर जिल कांग्रेस की उपाध्यक्ष नीलम चौधरी का | नीलम चौधरी कहती है दिल्ली में एक माह से भी अधिक समय से डबल इंजन की सरकार है बावजूद इसके अपराध दर में कोई कमी नहीं आना चिंता का विषय है | नीलम चौधरी कहती है कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है गत दिनों होम मिनिस्टर ने खुद कानून व्यवस्था को ले उच्च स्तरीय बैठक ली थी तथा दिशा निर्देश जारी किये थे ,बावजूद इसके हालात जस के तस हैं |

नीलम चौधरी कहती हैं राजधानी दिल्ली में लगातार बुजुर्गों की हत्या दिल्ली के सिस्टम की पोल खोलती दिख रही है | भाजपा डबल इंजन की सरकार भी दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल हो रही है जबकि नवनिर्मित सरकार की मुख्यमंत्री और दिल्ली के गृहमंत्री के साथ 28 फरवरी को केन्द्रीय गृहमंत्री ने दिल्ली की कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बैठक की थी परंतु दिल्ली में बढ़ते अपराधों और वरिष्ठ नागरिकों की हत्या की पिछले दिनों में हुई वारदातों ने साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में नाकाम ही साबित हुई है |

नीलम चौधरी नें कहा कि राजधानी दिल्ली में वरिष्ठ नागरिक भी सुरक्षित नहीं हैं | आए दिन बुजुर्गों के साथ हो रही घटनाएं और हत्याएं की संवेदनशीलता को समझते हुए उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार को बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए | क्योंकि दिल्ली में अत्यधिक बुजुर्ग ऐसे हैं जिनके बच्चे दिल्ली से बाहर और विदेशों में रहते है, जिसके कारण अपराधी इन्हें आसानी से टारगेट कर लेते है।

नीलम चौधरी ने कहा कि बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस कुटुंब एप शायद पुलिस की निष्क्रियता के कारण विफल साबित हो रहा है, क्योंकि वरिष्ठ लोगों के साथ हुई घटनाओं में घरेलू सहायकों का प्रतिशत अत्यधिक है। राजधानी दिल्ली में दिल्ली पुलिस घरेलू सहायकों के सत्यापन करने के लिए लोगों को जागरुक बनाने में शायद काम नही कर पाई जिसके चलते बुजुर्ग घरेलू सहायकों द्वारा शिकार हो रहे है। दिल्ली पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों में पिछले 5 वर्षों में 560 घरेलू सहायक पकड़े गए है। अगर 100 प्रतिशत घरेलू सहायकों की पुलिस वेरिफिकेशन होने के बाद इन्हें बुजुर्गों के घरों में काम के लिए रखा जाएगा, तो बुजुर्गों के साथ घटनाएं कम होंगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here