राजस्थान विधानसभा में आयोजित युवा संसद गरजी छात्रा, बयान हो रहा वायरल
युवा संसद में प्रतिभागी स्नेहा राठौड़ ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में 120 से भी ज्यादा छात्रों के लिए केवल एक अध्यापक नियुक्त होता है. क्या ये पर्याप्त है?’
राजस्थान विधान सभा में शनिवार (27 जुलाई) को स्कूली छात्रों की युवा संसद की बैठक आयोजित की गई. युवा संसद कार्यक्रम में प्रतिभागी स्नेहा राठौड़ ने कोचिंग सेंटर्स पर जमकर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि कोचिंग संस्थान पैसा छापने की मशीन बन गए हैं, जो छात्रों और अभिभावकों पर गिद्ध दृष्टि लगाए हुए हैं.
युवा संसद कार्यक्रम में प्रतिभागी स्नेहा राठौड़ ने आगे कहा, ”आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में 120 से भी ज्यादा छात्रों के लिए केवल एक अध्यापक नियुक्त होता है. क्या ये पर्याप्त है?”
उन्होंने आगे कहा, ”साथियों याद रखिए. संघर्षों के साए में इतिहास हमारा पलता है. जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है. हमें जरुरत है मजबूत नियम बनाने की ताकि ये कोचिंग संस्थान पारदर्शी रूप से संचालित हो और छात्रों की पढ़ाई को प्राथमिकता दे.
स्नेहा ने ये भी कहा, ”हमें खुद से पूछना चाहिए कि क्या हम ऐसी शिक्षा प्रणाली को कायम रखेंगे जो गुलामी के कालखंड में साजिशन रची गई थी. या फिर हम एक नए रास्ते पर चलेंगे, जो विचारों की विविधता का जश्न मनाता हो. हर व्यक्ति को स्वतंत्र रुप से सशक्त बनाता हो. अंत में मैं बस यही कहना चाहूंगी कि-
वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखंड विजेता कौन हुआ?
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ?
नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया!
देश में कब होगा बदलाव?
युवा संसद कार्यक्रम में प्रतिभागी जश्न कुमार ने कहा, ”जब यहां पर बैठा हर छात्र गलत चीज पर अपनी आवाज उठाएगा, उस दिन देश में बदलाव होगा. उस दिन बच्चे सुसाइड नहीं करेंगे. उस दिन बच्चे खुशहाल जीवन जीएंगे.”
‘बच्चों के पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं’
वहीं, इस कार्यक्रम में एक और पार्टिसिपेंट बिहान बजाज ने कहा, ”आज जिस जगह को माननीय प्रधानमंत्री ने विद्या की काशी कही है, वो मणिकर्णिका घाट बन चुकी है. बच्चों के पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा बचा ही नहीं है कि वो आखिर करेंगे क्या? मुझे कुछ तजुर्बे से कुछ सुझाव जरुर देने हैं.
उन्होंने कहा, ”पहला कि सरकार को एजुकेशन पॉलिसी में एमेंडमेंट के माध्यम से एक स्टेचुटरी बॉडी बनानी चाहिए ताकि इन कोचिंग संस्थानों पर रेगुलेशन रखा जाए. इसके साथ ही मैं उनसे अनुरोध करुंगा कि कोचिंग संस्थानों में एक चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर और एक्सट्रा लैंग्वेज लर्निंग पॉलिसी भी इंट्रोड्यूस कराई जाए.”