कोर्ट में लड़ेंगे राजस्थान के CM,अशोक गहलोत और UM गजेंद्र सिंह शेखावत

0
87

अब कोर्ट में लड़ेंगे राजस्थान के CM अशोक गहलोत और UM गजेंद्र सिंह शेखावत, दोनों की पुरानी है राजनीतिक अदावत

गजेंद्र सिंह शेखावत 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए लिए चुने गए थे. 2019 में वो दोबारा लोकसभा सांसद बने. पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय और जल संसाधन की समितियों सहित कई समितियों के सदस्य रहे.

नई दिल्ली: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की राजनीतिक लड़ाई कोर्ट में पहुंची. गजेंद्र सिंह शेखावत आज दोपहर दो बजे दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा पेश करने जा रहे हैं. अशोक गहलोत शेखावत के खिलाफ संजीवनी सहकारी मामले में लगातार आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने फोन टैपिंग मामले में भी शेखावत के खिलाफ आरोप लगाए हैं. अब शेखावत खुद कोर्ट जाकर गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगे.

शेखावत और गहलोत की भिड़ंत पुरानी

राज्य में शेखावत और गहलोत की भिड़ंत पुरानी है. 2019 के लोकसभा चुनावों में शेखावत ने अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जोधपुर सीट से वोटों के बड़े अंतर से हराया था. लोकसभा चुनावों में जोधपुर में शेखावत और वैभव गहलोत आमने-सामने थे. अपने बेटे को जिताने के लिए अशोक गहलोत ने यहां पर जमकर प्रचार किया था. यहां तक कि उस वक्त उनके विरोधियों ने कहा था कि गहलोत ने इन चुनावों में और कहीं ध्यान नहीं दिया, अपने बेटे की सीट पर ही प्रचार करते रहे और उन्होंने अपनी ज्यादातर रैलियां इसी सीट पर कीं. हालांकि, फिर भी शेखावत ने उन्हें लगभग 2.7 लाख वोटों के अंतर से हराया था.

एक वजह यह भी

राजस्थान कांग्रेस के दो धड़ों में बंट जाने की घटना में शेखावत का नाम आने से यह टकराहट और गहरी हो गई. शेखावत को वसुंधरा राजे का उत्तराधिकारी भी माना जाता है. राजे पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल ने इस पूरे मामले में चुप रहने का आरोप लगाया था. बेनीवाल ने यह तक कहा था कि राजे गहलोत सरकार को बचाना चाहती हैं और उन्होंने कांग्रेस के बागी विधायकों से गहलोत सरकार को समर्थन देने को कहा था.

गजेंद्र शेखावत के बारे में और जानें

शेखावत 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए लिए चुने गए थे. 2019 में वो दोबारा लोकसभा सांसद बने. पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय और जल संसाधन की समितियों सहित कई समितियों के सदस्य रहे. 2019 में उन्हें केंद्रीय जल संसाधन मंत्री बनाया गया. राजस्थान में वो अच्छी पकड़ रखते हैं और अब उनकी सक्रियता उनकी नई भूमिका की ओर इशारा कर रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here