द्रौपदी मुर्मू ने आज भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। साथ ही वह सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ग्रहण ली। इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद द्रौपदी मुर्मू ने एक जुदा अंदाज में सांसदों का अभिवादन किया, तो तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा सेंट्रल हॉल गूंज गया। पीएम मोदी, सभी केंद्रीय मंत्री, बीजेपी और विपक्षी सांसद इसमें शरीक हुए। पहले संबोधन की शुरुआत ‘जोहार ! नमस्कार !’ से की और गरीबी में हुई प्रारंभिक शिक्षा से लेकर राजनीति की शुरुआत और राष्ट्रपति बनने के सफर को याद किया। उन्होंने कहा “मैं जिस जगह से आती हूं, वहां प्रारंभिक शिक्षा भी सपना होता है। गरीब, पिछड़े मुझे अपना प्रतिबिंब दिखाते हैं। मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा। संसद में मेरी मौजूदगी भारतीयों की आशाओं और अधिकारों का प्रतीक है। मैं सभी के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। आपका भरोसा और समर्थन मुझे नई जिम्मेदारी संभालने का बल दे रहा है। राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं है, यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है। मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।’