अध्यक्ष की दौड़ में दिग्विजय का नाम आते ही मध्य प्रदेश में बढ़ी राजनीतिक हलचल

0
93

कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम आते ही मध्य प्रदेश में हलचल बढ़ गई। उनके समर्थक उत्साहित हैं। वहीं, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जितने भी नाम चल रहे हैं, उन सभी को ऊर्जा और बल देने वाला हाथ राहुल गांधी का है। आलाकमान को उन्हें ही पार्टी की कमान सौंपने का निर्णय करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आयोजन को देख रहे हैं। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि मेरी अध्यक्ष बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम सभी तो चाहते हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस की कमान संभालें लेकिन इसके लिए वे तैयार नहीं हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम अध्यक्ष पद के लिए तय माना जा रहा था लेकिन जो घटनाक्रम हुआ, उसके बाद दिग्विजय सिंह का नाम फिर सामने आया। उन्होंने ही कहा था कि उदयपुर चिंतन शिविर में जो तय हुआ है, उसके अनुसार एक व्यक्ति एक ही पद पर रह सकता है। उनका इशारा स्पष्ट था कि गहलोत अध्यक्ष बनते हैं तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। इसके बाद राहुल गांधी का बयान भी सामने आया था। पार्टी ने केंद्रीय पर्यवेक्षक भी भेजे थे लेकिन बात बनने की जगह बिगड़ गई। बदली हुई परिस्थितियों में फिर दिग्विजय सिंह का नाम अध्यक्ष पद के लिए सामने आया है। बताया जा रहा है कि वे 30 सितंबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, इसके स्पष्ट संकेत उनके समर्थकों को नहीं मिले हैं पर वे उत्साहित हैं और दावा कर रहे हैं कि यदि वे अध्यक्ष बनते हैं तो संगठन मजबूत होगा। वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्होंने उस समय मध्य प्रदेश का जिस तरह दौरा किया था, उसका परिणाम 1993 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले नर्मदा परिक्रमा और फिर संगत में पंगत (कार्यकर्ताओं से संवाद का कार्यक्रम) की थी, जिसका लाभ पार्टी को मिला था। पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों का प्रभारी भी बना चुका है। उधर, कमल नाथ सरकार में लोक निर्माण मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह, मलिकार्जुन खडगे, मुकुल वासनिक सहित जितने भी नाम सामने आ रहे हैं, उन्हें ऊर्जा और बल देने वाला हाथ राहुल गांधी का है। जिस तरह का घटनाक्रम अभी हुआ है, उसे देखते हुए राहुल गांधी को कमान सौंपी जाना चाहिए। आलाकमान को आगे आकर उनका घोषित करना चाहिए। जब वे नामांकन पत्र दाखिल करेंगे तो कोई भी दूसरा नाम ही नहीं आएगा। उधर, अध्यक्ष के लिए दिग्विजय सिंह का नाम आने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब परिवार के लोग नहीं आएंगे तो उनका कोई दरबारी आएगा। यह भी ऐसा होगा जो भारत, उसकी संस्कृति और स्वाभिमान के खिलाफ काम करने वाली शक्तियों के साथ खड़ा होगा। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए ऐसे ही लोगों को ढूंढेगी। कांग्रेस एक परिवार तक सिमटकर रह गई है और संगठन नाम की कोई चीज नहीं बची है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here