पीएम मोदी ने आज कोचीन में चालक दल के लगभग 1,600 सदस्यों के लिए डिजाइन किया गया करीब 2,200 कमरों वाला देश का अब तक का सबसे बड़ा और पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ राष्ट्र को समर्पित किया। आईएनएस विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है। प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस स्वदेशी अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत का जलावतरण किया। पोत के जवावतरण के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने नए नौसैनिक ध्वज का भी अनावरण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा, विक्रांत आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है। आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है। उन्होंने कहा, आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है। पीएम ने कहा, INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है।