लोगों का कांग्रेस के प्रति बढ़ रहा है विशवास : वेदप्रकाश बेदी
* दिल्ली में बनेगी कांग्रेस की सरकार
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : आम आदमी पार्टी नें अपने दस साल के शासन में दिल्ली का बेड़ागर्क करके रख दिया है और दिल्ली को तीस साल पीछे धकेल दिया है | यह कहना है दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के डेलिगेट वेद प्रकाश बेदी का | श्री बेदी कहते हैं कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार नें जो विकास योजनायें शुरू की थी वे भी बड़ी संख्या में अधूरी पड़ी है जबकि कोई बड़ी नई योजना शुरू ही नहीं हुई |
श्री बेदी कहते हैं लोग कांग्रेस सरकार को याद कर रहे है और एक बार फिर से जनता शीला दीक्षित वाली दिल्ली चाहते हैं | वेद प्रकाश बेदी कहते है आगामी विधानसभा चुनावों के परिणाम अप्रत्याशित रहने वाले हैं और कांग्रेस एक बार फिर से लोगो के आशीर्वाद से सरकार बनाएगी | श्री बेदी कहते हैं लोगो नें जहां आम आदमी पार्टी सरकार की कार्यशैली देखी है वहीं उन्होंने काम करने वाली शीला दीक्षित सरकार की कार्यशैली भी देखि ही लिहाजा लोगो के सामने दोनों का अंतर है |
श्री बेदी कहते हैं लोगां का विश्वास कांग्रेस में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को अरविन्द केजरीवाल ने जो सपने दिखाए थे, 11 वर्षों में दिल्ली बद से बदतर हो गई और दिल्लीवालों के सभी सपने टूटे है। शिक्षा मॉडल, स्वास्थ्य मॉडल, मुफ्त बिजली, पानी और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने में अरविन्द केजरीवाल पूरी तरह विफल साबित हुए है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली में सत्ता में आने पर कांग्रेस की योजनाओं को उसी विश्वास और संकल्प की तरह लागू करेगी जिस तरह हमने कर्नाटक, तेलांगना, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पूर्व में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में लागू की थीं।
वेद प्रकाश बेदी ने कहा कि 11 वर्षों में महंगाई पर नियंत्रण करने में आम आदमी पार्टी की सरकार पूरी तरह नाकाम रही है जिसके चलते लोगों का सपना टूटा है। कांग्रेस पार्टी जनता की तकलीफ को समझती है कि दो वक्त की रोटी सबके लिए जरुरी है, कांग्रेस पार्टी दिल्ली में हर महिला को 2500 रुपये देकर हम अपना कर्तव्य निभाएंगे और हर महिला को उनका परिवार चलाने में सहायक बनने की कोशिश करेंगे। पिछले 11 वर्षों में भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकार की नाकामियों और जनता की अनदेखी के चलते दिल्ली के लोगों का जीवन मुश्किल हुआ है यह कांग्रेस पार्टी अच्छी तरह समझती है जबकि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनो लोगों की मजबूरियों के प्रति सहानुभूति देने की जगह राजनीतिक दांव खेलकर उनका वोट हासिल करना ही अपना मकसद मानती है।