भारी बारिश के बीच लखनऊ में एक दीवार गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई है। दो लोग इसमें घायल हैं। दो महीने पहले ही निर्माण का काम पूरा हो गया था लेकिन वहां काम करने वाले मजदूर दिलकूुशा के इस इलाके में अवैध ढंग से रह रहे थे। वही मजदूर इस हादसे के शिकार हुए हैं। मारे गए लोगों ने तीन बच्चे भी शामिल हैं। इस दुखद हादसे की जानकारी जैसे ही झांसी के बंगरा अंतर्गत पचवारा गांव में हुई तो वह मातम पसर गया। मरने वालों में एक ही परिवार के पांच लोग हैं जबकि चार उनके रिश्तेदार हैं। पचवारा गांव के आदिवासी मोहल्ले में रहने वाले गिरजा अपनी पत्नी व बच्चों के अलावा रिश्तेदारों के साथ लखनऊ में काम के सिलसिले में पिछले 20 वर्ष से जा रहे हैं। वहां मजदूरी कर यह लोग परिवार का भरण-पोषण करते थे। गांव में उनकी मां भगवती देवी रहती हैं। इस हादसे में एक ही परिवार के गिरजा शंकर और उनकी पत्नी मान कुमार, पुत्र प्रदीप, प्रदीप की पत्नी रेशमा और पुत्री भारती की मौत हो गई। मौके पर पहुंचे नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने एक निजी चैनल से बातचीत में बताया कि अवैध ढंग से यहां रह रहे मजदूराें को कुछ समय पहले यहां से हटाया गया था लेकिन वे दोबारा यहां आकर रहने लगे। उन्होंने कहा कि यह कैंट का एरिया है। कैंट क्षेत्र में काम दो महीने पहले ही पूरा हो चुका था लेकिन मजदूर यहां से अवैध ढंग से झोपड़ियां डालकर रहने लगे। उन्हें यहां से हटाया गया लेकिन उन्होंने दोबारा यहां झोपड़ियां बना लीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान भी किया है। मुख्यमंत्री योगी ने हादसे में हुई जनहानि पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सभी घायलों के मुफ्त इलाज का भी आदेश दिया है।