Pahalgam Terror Attack: प्रियंका गांधी बोलीं- ‘पहलगाम हमले पर केंद्र जो भी एक्शन लेगा, कांग्रेस देगी पूरा समर्थन’

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Pahalgam Terror Attack: प्रियंका गांधी बोलीं- ‘पहलगाम हमले पर केंद्र जो भी एक्शन लेगा, कांग्रेस देगी पूरा समर्थन’

जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम के बैसरान घाटी में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें ज्यादातर मासूम पर्यटक शामिल हैं। हमले के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और केंद्र सरकार ने आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

इस दर्दनाक घटना के बाद देश की सियासत में भी एकजुटता दिखाई दे रही है। विपक्षी पार्टियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सरकार के साथ खड़े होने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी सरकार के हर कदम का पूरा समर्थन करेगी। मीडिया से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा, “कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने इस पर स्पष्ट बयान दिया है। हम उस बयान के साथ खड़े हैं और सरकार से अपील करते हैं कि वह मजबूत और निर्णायक कार्रवाई करे और इसमें देर न हो।”

इधर केंद्र सरकार ने भी कार्रवाई का मोर्चा संभाल लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के तुरंत बाद एयर चीफ मार्शल एपी सिंह से मुलाकात की और रणनीतिक फैसले लिए गए। जानकारी के मुताबिक, भारत ने रूसी मिसाइल सिस्टम को फॉरवर्ड पोस्ट पर भेज दिया है, ताकि आतंकियों और सीमा पार से आने वाले खतरे का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री की कार्यशैली से देश परिचित है और जैसी देश की जनता चाहती है, वैसा ही नतीजा होगा।”

उधर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी इस हमले पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत आज सक्षम और मजबूत नेतृत्व में आतंकवाद से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है।

पूरे देश में इस हमले को लेकर आक्रोश है और लोगों में बदले की मांग तेज हो गई है। पहलगाम में अब भी सुरक्षा बलों का बड़ा अभियान जारी है और आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं और खुफिया एजेंसियां हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।

यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है जब कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही थी और सरकार शांति की बहाली का दावा कर रही थी। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि आतंक की जड़ें अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं और इससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

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