प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूपी जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया है प्रधानमंत्री ने 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है और अब इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है उद्घाटन समारोह में पीएम ने कहा कि जिस धरती ने अनगिनत शूरवीर पैदा किए जहां के खून में भारतभक्ति बहती है, जहां के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है उस बुंदेलखंड की धरती को आज एक्सप्रेसवे का ये उपहार देते हुए मुझे विशेष खुशी मिल रही है विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं पीएम मोदी ने कहा कि जिस यूपी में रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री, सिर्फ डिब्बों का रंग-रौगन करके काम चला रही थी उस यूपी में अब इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतनी गंभीरता से काम हो रहा है, कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पछाड़।
एक्सप्रेस-वे में 4 रेलवे ओवरब्रिज, 14 लंबे पल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल और 18 फ्लाईओवर
बता दें कि कुल 296 किलोमीटर लंबे इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में 4 रेलवे ओवरब्रिज, 14 लंबे पल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल और 18 फ्लाईओवर हैं इतना ही नहीं एक्सप्रेस-वे के आसपास 7 लाख पेड़ लगाए जाएंगे जिनका काम शुरू हो चुका है।
इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा
इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद चित्रकूट से राजधानी दिल्ली तक का सफर लगभग 7 से 8 घंटे में पूरा किया जा सकेगा यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है ये एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है माना जा रहा है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर सृजित होंगे बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।