नीतीश की पार्टी लड़ना चाहती है बुराड़ी और लक्ष्मी नगर,चिराग को मिल सकती है बवाना या सुल्तानपुरी

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नीतीश
नीतीश की पार्टी लड़ना चाहती है बुराड़ी और लक्ष्मी नगर

नीतीश की पार्टी लड़ना चाहती है बुराड़ी और लक्ष्मी नगर

* चिराग को मिल सकती है बवाना या सुल्तानपुरी

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,दिल्ली विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है कड़ाके के ठंड में भी सियासी पारे की गर्मी महसूस होने लगी है | आम आदमी पार्टी के घोषित प्रत्याशी जहां सभी सत्तर सीटों पर महीने भर से धूम मचाये हुए है तो कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी भी मैदान में जुट चुके हैं वहीं भाजपा अभी भी आधे से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी चयन प्रक्रिया में ही उलझी है | सम्भावित प्रत्याशियों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की धड़कनें भी तेज हो रही है | जैसा की उम्मीद थी भाजपा कुछ अप्रत्याशित कर सकती है लेकिन पहली सूची में तो ऐसा कुछ दिखा नहीं दूसरी में क्या होगा अभी पिटारा खुलने के बाद ही पत्ते खुलेगें | खबर है संघ लाबी पहली सूची से संतुष्ठ नहीं है खासतौर से डॉ.हर्षवर्धन को ले बड़ी आपतियां सुनने को मिल रही है | दिन भर यह चर्चा भी सुनने को मिली डॉ.हर्षवर्धन को किसी अन्य सीट से उतारने पर सहमती बन सकती है |

शाहदरा ,लक्ष्मी नगर के साथ-साथ शकूरबस्ती सीट पर उनके नाम चर्चा में है | शाहदरा तथा लक्ष्मी नगर जहां उनके होम डिस्ट्रिक्ट में है वहीं शकूरबस्ती उनके लोकसभा क्षेत्र रहे चांदनी चौक का हिस्सा है | जहां तक लक्ष्मी नगर का सवाल है नीतीश का जनता दल भी इस सीट पर आँख गड़ाए बैठा है लेकिन भाजपा करावल नगर की तरफ गेयर बदलने के मूड में है | सुनने में आ रहा है यह मसला प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच चुका है और वहां के निर्देश है नितीश और चिराग जो सीटें मांग रहे है उन्हें दे दी जाए | नितीश की पार्टी बुराड़ी भी चाहती है | जहां तक चिराग के बंगले का सवाल है उनकी पहली पसंद सीमापुरी से तो भाजपा नें कु.रिंकू को प्रत्याशी बना दिया है अब बंगले की नजर बवाना और सुल्तानपुरी पर टिकी है | भाजपा के पास यह सूचना भी है उसके कुछ कद्दावर नेता टिकिट कटने की सूरत में पाला भी बदल सकते है लिहाजा भाजपा सभी कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहती है और सूची लेट होने के पीछे यही बड़ी वजह है इस सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | चुनाव की घोषणा के बाद अब दिस दैट छोड़ भाजपा का सारा ध्यान सूची फाइनल करने में लग गया है | 29 प्रत्याशी घोषित करने के बाद भाजपा अब जातीय समीकरणों में भी उलझ गई है और रणनीतिकारों का प्रयास है सबका साथ सबका विकास नीति पर चलते हुए अगली सूची निकाली जाए | आज बस इतना ही …

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