Nalanda NEET Leak: 3 लाख के इनामी संजीव मुखिया की तलाश जारी, पत्नी ममता देवी के राजनीति में उतरने की अटकलें तेज
बिहार के नालंदा जिले से जुड़े बहुचर्चित NEET पेपर लीक मामले में अब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी संजीव मुखिया पर ₹3 लाख का इनाम घोषित किया है। कई महीनों से फरार चल रहे इस शातिर अपराधी की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस ने अब जनता से सहयोग की अपील करते हुए यह इनाम घोषित किया है ताकि उसकी गिरफ्तारी जल्द संभव हो सके। इसके साथ ही दो अन्य आरोपियों पर भी ₹1-₹1 लाख का इनाम रखा गया है।
संजीव मुखिया पर कुल चार संगीन मामले दर्ज हैं और वह नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र का निवासी है। उसने पहले नूरसराय स्थित हॉर्टिकल्चर कॉलेज में तकनीकी सहायक के रूप में काम किया था, लेकिन बाद में वह शिक्षा माफिया के रूप में कुख्यात हो गया। बताया जाता है कि इस बार NEET पेपर लीक के मामले में उसने एक-एक छात्र से 40 लाख रुपये वसूले और परीक्षा से पूर्व ही प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाया।
बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान) कुंदन कृष्णन ने बताया कि फरार चल रहे अपराधियों की सूची में संजीव मुखिया शीर्ष पर है। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए अब जनता की मदद लेने का निर्णय लिया है। इनाम की राशि घोषित करते हुए यह भी कहा गया है कि सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।
संजीव मुखिया का नेटवर्क केवल बिहार तक सीमित नहीं है। उसकी जड़ें झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बंगाल और राजस्थान तक फैली हुई हैं। जैसे ही किसी राज्य में कोई प्रतियोगी परीक्षा होती है, संजीव का गिरोह सक्रिय हो जाता है और मोटी रकम लेकर पेपर लीक करने की साजिश रचता है। इससे पहले 2016 की सिपाही भर्ती परीक्षा और BPSC शिक्षक बहाली घोटाले में भी उसका नाम सामने आ चुका है। वह इन मामलों में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन पर्याप्त सबूत के अभाव में जमानत पर छूट गया।
इतना ही नहीं, उसका बेटा डॉ. शिव कुमार, जो पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहा था, वह भी फिलहाल एक अन्य मामले में जेल में बंद है। इससे संजीव मुखिया के पूरे परिवार पर ही कानून के शिकंजे में आने के बादल मंडरा रहे हैं।
पुलिस की छापेमारी अब तक खाली हाथ रही है। आर्थिक अपराध इकाई और अन्य जांच एजेंसियों ने बिहार सहित विभिन्न राज्यों में दबिश दी, लेकिन संजीव मुखिया हर बार बच निकला। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि वह देश के किस कोने में छिपा हुआ है, या फिर वह देश छोड़कर भाग गया है।
इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब यह खबर सामने आई कि संजीव मुखिया की पत्नी ममता देवी राजनीति में कदम रखने जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, ममता देवी इस साल हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उन्होंने हाल ही में हरनौत में चुनावी कार्यालय भी खोल लिया है। इससे पहले साल 2020 में ममता देवी ने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर इसी सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या ममता देवी राजनीति में पति की छवि को ढकने की कोशिश कर रही हैं? या फिर यह एक रणनीतिक कदम है जिससे कानून की पकड़ से दूरी बनाए रखी जा सके? इन सवालों के जवाब तो वक्त देगा, लेकिन फिलहाल बिहार पुलिस की प्राथमिकता संजीव मुखिया की गिरफ्तारी है।
बिहार पुलिस को उम्मीद है कि घोषित इनाम से लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और कोई न कोई उसकी ठिकाने की जानकारी देकर इस जांच को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। शिक्षा की पवित्रता को तार-तार करने वाले इस अपराधी की गिरफ्तारी से न केवल न्याय की उम्मीद जगेगी, बल्कि यह भी संकेत मिलेगा कि देश में परीक्षा तंत्र को बर्बाद करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।