Bandipora Encounter:बांदीपोरा मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष आतंकवादी अल्ताफ लाली ढेर, सुरक्षाबलों का ऑपरेशन जारी
जम्मू एवं कश्मीर के बांदीपोरा जिले में शुक्रवार सुबह से सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच एक भीषण मुठभेड़ जारी है। खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने जब इलाके में तलाशी और घेराबंदी शुरू की, तभी छिपे हुए आतंकवादियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे सर्च ऑपरेशन तेज मुठभेड़ में बदल गया। इस कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा का एक बड़ा नाम और खूंखार आतंकवादी अल्ताफ लाली मारा गया, जो कई आतंकी हमलों में सक्रिय भूमिका निभा चुका था।
अल्ताफ लाली की मौत को सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। वह लंबे समय से घाटी में सक्रिय था और लश्कर-ए-तैयबा के उन मॉड्यूल्स में शामिल था जो सुरक्षाबलों, आम नागरिकों और गैर-स्थानीय कामगारों पर हमले करने के लिए कुख्यात रहे हैं। उसके खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज थे और वह सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था।
इस मुठभेड़ में एक और आतंकवादी के घायल होने की खबर है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। सुरक्षाबलों के दो जवान भी इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए तत्काल सैन्य अस्पताल ले जाया गया है। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश में तलाशी अभियान लगातार जारी है।
यह मुठभेड़ पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हुआ चौथा बड़ा एनकाउंटर है। इससे पहले गुरुवार को उधमपुर जिले के डूडू बसंतगढ़ इलाके में सुरक्षाबलों ने कुछ आतंकियों को घेर लिया था, जिसमें सेना का एक बहादुर हवलदार शहीद हो गया। हाल के दिनों में आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों के चलते जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में हाई अलर्ट जारी है और सुरक्षा बलों ने आतंकियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान छेड़ दिया है।
बांदीपोरा मुठभेड़ से ठीक एक दिन पहले, जिले की पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े चार ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को गिरफ्तार किया था। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि ये OGWs सुरक्षाबलों और स्थानीय निवासियों, विशेष रूप से बाहरी मजदूरों पर हमले की योजना बना रहे थे। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने जिले के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी कर उन्हें पकड़ा और उनके कब्जे से संदिग्ध सामग्री भी बरामद की गई।
सुरक्षाबलों द्वारा चलाया जा रहा यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के बाद शुरू की गई व्यापक आतंकवाद विरोधी रणनीति का हिस्सा है। इस रणनीति का उद्देश्य घाटी में सक्रिय आतंकियों को न केवल खत्म करना है, बल्कि उनके पूरे नेटवर्क—चाहे वो सप्लाई चैन हो, फंडिंग नेटवर्क हो या ओवर ग्राउंड वर्कर्स का समर्थन तंत्र—को जड़ से खत्म करना है। सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि आतंकी हमलों के प्रति अब ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई जा रही है।
बांदीपोरा में हुए इस ताजा एनकाउंटर ने घाटी में सुरक्षा बलों की रणनीतिक सख्ती को फिर से स्पष्ट कर दिया है। आने वाले दिनों में इस तरह के ऑपरेशनों के और तेज़ होने की संभावना जताई जा रही है, ताकि जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर शांति और स्थिरता की राह पर लाया जा सके। फिलहाल पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी है और प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखने के लिए ड्रोन और आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।



