कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतगणना संपन्न हो चुका है। 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मिला है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस चुनाव में शशि थरूर का करारी शिकस्त दी है। आपको बता दें कि अध्यक्ष के चुनाव के लिए सोमवार को मतदान हुआ था। अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे का पलड़ा पहले से भारी था। खड़गे को गांधी परिवार का समर्थन भी हासिल था। उनके नामांकन के वक्त पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। 90 फीसदी वोटों के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को हराकर अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है। इस जीत के साथ ही 24 साल बाद पार्टी के अध्यक्ष पद की कुर्सी पर गांधी परिवार से बाहर का शख्स बैठेगा। बता दें कि 17 अक्टूबर को हुई इस वोटिंग में शशि थरूर को महज 1072 वोट ही मिले। जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़गे को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई दी और उनके सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी दी। शशि थरूर ने कहा कि हमें मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत को कांग्रेस पार्टी की जीत मानना चाहिए। यह चुनाव किसी एक व्यक्ति से संबंधित नहीं था। यह कांग्रेस पार्टी के बारे में था। मैं हमेशा से पार्टी को मजबूत करना चाहता था क्योंकि देश के लिए कांग्रेस को मजबूत करना बहुत जरूरी है। कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को बधाई दी। उन्होंने अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, मैं अपने साथी शशि थरूर को भी बधाई देना चाहता हूं। मैं उनसे मिला और उनसे चर्चा की कि पार्टी को कैसे आगे बढ़ाया जाए। मैं सभी पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से सोनिया गांधी को धन्यवाद देना चाहता हूं। उनके नेतृत्व में हमने केंद्र में दो बार अपनी सरकार बनाई।
मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए बड़ी चुनौती
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए बड़ी चुनौती है गहलोत और पायलट गुट को साधने की है। खड़गे के सामने राजस्थान में बड़ी चुनौती है। चर्चा है कि खड़गे राजस्थान को लेकर कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान के नाम एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाने की कोशिश करेंगे। सीएम फैसला फिलहाल नहीं लें। सचिन पायलट के नाम पर सहमति नहीं बनी तो तीसरे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। गहलोत समर्थक मंत्रियों पर क्या ऐक्शन ले सकते हैं। सचिन पायलट के सीएम बनने पर विधायक इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो ऐक्शन ले सकते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने में राजस्थान ही सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बना। खड़गे से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी के सर्वोच्च पद के लिए सबसे बड़े दावेदार थे। सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच विधायक दल की बैठक बुलाई गई तो गहलोत गुट ने इस्तीफे का दांव खेल दिया। पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को निराश होकर अगले दिन लौटना पड़ा। जयपुर में हुए हंगामे के बाद सीन पूरी तरह बदल गया। गहलोत रेस से बाहर हो गए तो खड़गे कांग्रेस चीफ बन गए हैं। ऐसे में उनका रुख राजस्थान और अशोक गहलोत को लेकर क्या होगा, इस पर सियासी पंडितों की निगाहें टिकी हैं।