Mathura Tragic Incident: मथुरा में बड़ा हादसा: खुदाई के दौरान ढहे कई मकान, मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ जब माया टीला शाहगंज इलाके में निर्माण कार्य के दौरान की गई खुदाई के चलते चार से पांच मकान अचानक ढह गए। हादसे में कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है, और घटनास्थल पर भारी अफरा-तफरी का माहौल है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस, प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर मौजूद हैं और जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह हादसा गोविंद नगर थाना क्षेत्र में उस समय हुआ जब एक निर्माणाधीन स्थल पर गहरी खुदाई चल रही थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि खुदाई के कारण जमीन कमजोर हो गई थी, जिससे आसपास बने पुराने मकानों की नींव दरक गई और कुछ ही क्षणों में मकान भरभरा कर गिर गए। हादसा इतना अचानक था कि लोगों को भागने का समय तक नहीं मिला। कई लोग अपने घरों में मौजूद थे, जो मलबे में दब गए।
घटना के तुरंत बाद मथुरा जिला प्रशासन हरकत में आया। इलाके को सील कर दिया गया है और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं ताकि भीड़भाड़ और अव्यवस्था को रोका जा सके। एक घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि मकानों का मलबा चारों ओर फैला है और लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मलबे के नीचे कितने लोग दबे हैं, लेकिन प्रशासन ने राहत कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है। कुछ लोगों ने अपने मकान एहतियातन खाली कर दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पहले दीवारों में दरारें पड़ीं और कुछ ही मिनटों में पूरा मकान जमींदोज हो गया। इस त्रासदी ने एक बार फिर निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मथुरा प्रशासन ने इस हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। प्रशासन को आशंका है कि निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया, जिससे यह हादसा हुआ। अगर जांच में लापरवाही सामने आती है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल राहत कार्य जारी है और प्रशासन की पूरी कोशिश है कि दबे हुए लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जा सके। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी मामले का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को पीड़ितों को हरसंभव सहायता देने का निर्देश दिया है। यह हादसा एक बार फिर यह चेतावनी देता है कि शहरी इलाकों में निर्माण कार्यों को लेकर प्रशासन और ठेकेदारों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।



