मध्य प्रदेश के मंत्री पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप, HC में याचिका दायर
मंत्री गौतम टेटवाल के जाति प्रमाणपत्र को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है. याचिकाकर्ता का दावा है कि टेटवाल का संबंध ओबीसी में आने वाले जिनगर समुदाय से है.
मध्य प्रदेश के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल (Gautam Tetwal) पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप लगा है. जाति प्रमाणपत्र को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंठपीठ में चुनौती दी गयी है.
याचिका में आरोप लगाया गया कि टेटवाल ने फर्जीवाड़े से अनुसूचित जाति (एससी) होने का प्रमाणपत्र बनवाकर राजगढ़ जिले की सारंगपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा. याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि टेटवाल का संबंध अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आने वाले जिनगर समुदाय से है.
बता दें कि सारंगपुर विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनाव हुआ था. टेटवाल ने सारंगपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार कला महेश मालवीय को 23,054 वोट से शिकस्त दी थी. इंदौर खंडपीठ में टेटवाल के खिलाफ याचिका जितेंद्र कुमार मालवीया ने दायर की है. जितेंद्र कुमार राजगढ़ जिले के रहने वाले हैं. याचिकाकर्ता के वकील धर्मेन्द्र चेलावत ने संवाददाताओं को बताया कि याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है.
मंत्री पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाने का आरोप
चेलावत ने याचिका में लगाए गए आरोपों के हवाले से बताया कि टेटवाल ओबीसी में आने वाले जिनगर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. आरोप है कि उन्होंने फर्जीवाड़ा कर एससी के तहत आने वाले मोची समुदाय का जाति प्रमाणपत्र बनवा लिया.
उन्होंने बताया कि टेटवाल के रक्त संबंधियों से जुड़े अलग-अलग दस्तावेज भी हाईकोर्ट में पेश किए गए हैं. याचिका में उनकी जाति कथित तौर पर जिनगर दर्शाई गई है. चेलावत ने बताया कि याचिका के जरिये अदालत से गुहार लगाई गई है कि टेटवाल से जुड़ा रिकॉर्ड तलब किया जाए और उनके जाति प्रमाणपत्र की जांच कराई जाए.