शराब घोटाला: मनीष सिसोदिया की कम नहीं हो रहीं मुश्किलें, कोर्ट 26 अप्रैल को दे सकता अहम फैसला

0
39

“सीबीआई के पास दिल्ली शराब मामले में मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है” : मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया के वकील की दलीलों के निष्कर्ष के बाद, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने गुरुवार को सीबीआई की दलीलों के लिए 26 अप्रैल, 2023 की तारीख तय की.

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन के माध्यम से आज दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि सीबीआई के पास दिल्ली सरकार की आबकारी (शराब) नीति में कथित अनियमितताओं में उनकी संलिप्तता दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं हैं. वकील ने कहा कि सिसोदिया को छोड़कर सीबीआई मामले के सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. सिसोदिया को मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के 6 महीने से अधिक समय के बाद 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया था और आवेदक की गिरफ्तारी से पहले 6 महीने की उक्त जांच की संपूर्णता के दौरान, ऐसा एक बार भी नहीं हुआ था कि आवेदक ने किसी गवाह को कोई धमकी दी हो.

26 अप्रैल को सीबीआई रखेगी अपना पक्ष

सिसोदिया (आवेदक) ने अपनी ज़मानत में कहा कि गवाह को ख़तरा होने की संभावना तब तक नहीं कही जा सकती, जब आवेदक का ऐसा कोई इतिहास हो. आवेदक के खिलाफ इस मामले में गवाह मुख्य रूप से सिविल सेवक हैं, जिन पर आवेदक का कोई नियंत्रण नहीं है, खासकर अब जब उन्होंने अपने आधिकारिक पद से इस्तीफा दे दिया है. सिसोदिया के वकील की दलीलों के निष्कर्ष के बाद, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने गुरुवार को सीबीआई की दलीलों के लिए 26 अप्रैल, 2023 की तारीख तय की. इस बीच, आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि मेरे मुवक्किल को फरवरी 2023 में दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, इसलिए मेरे मुवक्किल के गवाहों को प्रभावित करने में सक्षम होने के सभी आरोप पूरी तरह से गलत हैं.

ट्रायल कोर्ट ने यह कहा था…

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी से जुड़े सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था, जिसमें ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. ट्रायल कोर्ट में 31 मार्च, 2023 को उनकी जमानत याचिका दायर की गई थी. ट्रायल कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, “अदालत मामले की जांच के इस चरण में उन्हें जमानत पर रिहा करने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि उनकी रिहाई चल रही जांच पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है और प्रगति को गंभीर रूप से बाधित कर सकती है.”

सिसोदिया पर यह हैं आरोप…

सीबीआई के अनुसार, सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वह उक्त साजिश के उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए उक्त नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में गहराई से शामिल थे. लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत का भुगतान उनके और जीएनसीटीडी में उनके अन्य सहयोगियों के लिए था. उपरोक्त में से 20-30 करोड़ रुपये सह-आरोपी विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और अनुमोदनकर्ता दिनेश अरोड़ा को मिले थे. सिसोदिया ने निचली अदालत में अपनी जमानत याचिका में कहा कि उन्हें हिरासत में रखने का कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा, क्योंकि मामले में सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई द्वारा बुलाए जाने पर वह जांच में शामिल हुए. सिसोदिया ने आगे कहा कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी व्यक्तियों को पहले ही जमानत दे दी गई है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here