उत्तराखंड की लोक संस्कृति को रोजगार से जोड़ें :  डॉ. हरीश रौतेला    

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डॉ. हरीश रौतेला  
उत्तराखंड की लोक संस्कृति को रोजगार से जोड़ें :  डॉ. हरीश रौतेला    

उत्तराखंड की लोक संस्कृति को रोजगार से जोड़ें :  डॉ. हरीश रौतेला    

 * दो दिवसीय धरोहर संवाद कार्यक्रम

देहरादून ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) देहरादून के सर्वे चौक आईआरडीटी सभागार में अपनी धरोहर न्यास द्वारा आयोजित दो दिवसीय धरोहर संवाद कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक प्रमुख डॉ. हरीश रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और उसके संरक्षण को रोजगार से जोड़ने हेतु विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। डॉ.हरीश रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति को संजोने वाले संस्कृति कर्मियों को केवल सम्मान ही नहीं, बल्कि रोजगार से जोड़ना आवश्यक है।

जब संस्कृति से जुड़े कलाकारों की आजीविका मजबूत होगी, तभी हमारी परंपराएँ, मेले, त्यौहार और पर्व भी जीवित रहेंगे। युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम यही है।

पहले दिन बीजापुर गेस्ट हाउस में आयोजित धरोहर संवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल  भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि देवभूमि के पर्व और त्यौहार को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित करने की आवश्यकता है।

विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख  संजय कुमार ने पहाड़ की लोक संस्कृति,पर्यावरण जागरूकता और नवोन्मेष से युवाशक्ति को जोड़ने का आग्रह किया। द्विदिवसीय धरोहर संवाद में कार्यक्रम में माणा से आई महिलाओं की सांस्कृतिक टीम ने नंदा देवी और श्री बद्रीनाथ भगवान को समर्पित लोकगीत प्रस्तुत किए।

अपनी धरोहर न्यास के अध्यक्ष विजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड का भूगोल और संस्कृति हिमालय की भाँति अनूठे हैं। इस विशिष्टता को आज की पीढ़ी तक अपनी धरोहर न्यास गौरव भाव जागृत करेगी। धरोहर संवाद के समन्वयक प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि कोरोना के समय स्थापित अपनी धरोहर न्यास ने चार वर्ष की छोटी अवधि मे हिमालय,गंगा,उत्तराखंड और प्रवासी समाज के लिए बड़े उपयोगी संवाद आयोजित किए हैं।

दो दिन के धरोहर संवाद में  अनूप नौटियाल ने उत्तराखंड की स्थिति पर प्रभावी प्रेजेंटेशन दी । मैती आंदोलन के संचालक पद्मश्री  कल्याण सिंह रावत ने ग्लेशियरों और बुग्यालों को बचाने का संदेश दिया। पूर्व कुलपति प्रो.सुधा रानी,लेखक हेमचंद्र सकलानी,भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष साकेत अग्रवाल  हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.गुड्डी बिष्ट और श्रीमती सुनीता टम्टा ने भी विचार प्रकट किए।

अपनी धरोहर न्यास के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों की भी इस अवसर पर घोषणा की गई। अध्यक्ष  विजय भट्ट,संरक्षक प्रो. दाताराम पुरोहित और  हेमन्त बिष्ट, प्रवासी प्रमुख प्रो. सूर्य प्रकाश सेमवाल,उपाध्यक्ष डॉ.श्याम सिंह कार्की, कुन्दन सिंह टकोला, एन.बी.गुणवंत,महामंत्री  दिनेश बम, कमल किशोर डिमरी, भुवन कांडपाल,सचिव सतीश पांडे,मंत्री डॉ.नवीन पंत, संजय मठपाल और डॉ. किशोर कुमार पंत, कोषाध्यक्ष   कृष्ण चंद्र बेलवाल,प्रचार प्रमुख डॉ.सूरज परमार,सह-प्रचार प्रमुख हर्षित हरबोला और ओ.पी.गौड़, महिला समिति संरक्षक प्रो. गुड्डी बिष्ट,प्रदेश संयोजिका  सुनीता जोशी और सह-संयोजिका  शांति जीना, राखी रावत और  सुनीता परमार, गढ़वाल संयोजिका  नीलम जुयाल ध्यानी प्रमुख हैं।  संस्था द्वारा भविष्य में श्री गोल्ज्यू संदेश यात्रा,व्यापारी सम्मेलन,उत्तराखंड धार्मिक कार्यक्रमों पर सम्मेलन,सीमांत सम्मेलन और महिला सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। द्विदिवसीय धरोहर संवाद का संचालन डॉ.नवीन पंत एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अंशुल चावला ने किया।

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