
महिलाओं को रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने से पहले करनी होगी कानून व्यवस्था मजबूत : अरुण तोमर
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार केवल पब्लिसिटी के चक्कर में रहती है | सरकार का यह निर्णय कि महिलाएं अब रात की शिफ्ट में भी काम कर सकती है यह सोचने पर विवश कर रहा है जब ट्रिपल इंजन की सरकार दिन के उजाले में भी महिलाओं को पूरी सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है ऐसे में रात में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा |
यह कहना है आम आदमी पार्टी घोंडा विधानसभा के पूर्व संगठन महामंत्री अरुण तोमर का | अरुण तोमर कहते है ट्रिपल इंजन की सरकार में दिल्ली की अपराध दर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिल रही है ,सरकार को इतना बड़ा फैंसला लेने से पूर्व दिल्ली का सुरक्षा सिस्टम चाक चौबन्ध करना होगा | अरुण तोमर कहते हैं सर्वोच्च न्यायालय का दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था को दुरस्त करने में हस्तक्षेप करना सरकार की विश्वसनीयता और पुलिस पर नियंत्रण होने पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। केन्द्र में पिछले 11 वर्ष से भाजपा की सरकार है और गृहमंत्रालय के नियंत्रण में कानून व्यवस्था हमेशा लचर साबित हुई है। जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी तो भाजपा दिल्ली की सरकार को कटघरे में लाती थी लेकिन अब तो दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार है भाजपा अब पल्ला नहीं झाड़ सकती |
अरुण तोमर कहते जब सुप्रीम कोर्ट तक को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है दिल्ली की जनता खास तौर से कामकाजी महिलाएं कैसे सुरक्षा सिस्टम पर भरोसा जता सकती हैं | राजधानी दिल्ली में गैंगस्टर की सक्रियता के कारण दिन दहाड़े हत्याऐं होना, नशे का कारोबार और महिलाओं के साथ अत्याचार की जिन घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिंता जताना साबित करता है कि दिल्ली में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण पाने में केन्द्रीय गृहमंत्रालय और दिल्ली सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। अरुण तोमर कहते हैं पिछले 6 महीनों में 250 हत्याएं होना अत्यंत संवेदनशील है, जबकि इसी दौरान 386 मामले हत्या के प्रयास, 437 मामले लूटपाट, 2503 झपटमारी और 3186 मामले सैंधमारी के दर्ज हुए है।
अपराधियों पर पुलिस का कोई नियंत्रण नही है, दिल्ली में हर दिन खुलेआम गोलीबारी हो रही है और पिछले 6 महीनों में हत्या के मामलों में 3.73 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। बलात्कार, यौन अपराधों, छेड़छाड़ के बढ़ते अपराध के कारण राजधानी महिलाओं और बच्चों के लिए असुरक्षित बन चुकी है, क्योंकि पिछले 6 महीनों में दुष्कर्म और पॉक्सो के 932 मामले दर्ज हुए है। एक रिकॉर्ड के अनुसार 1 जनवरी से 30 जून तक के दौरान भारतीय न्याय संहिता और भारतीय दंड संहिता के तहत एक लाख से अधिक मामले दर्ज हुए है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए चिंता व्यक्त की कि राजधानी में प्रतिदिन 5 बलात्कार, 2 हत्या, 18 झपटमारी ;सैंकड़ों चेन स्नेचिंग के ऐसे मामले होते है जो दर्ज नही होते | आंकड़े दिल दहला रहे है | ऐसे में रात के समय महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी क्या ट्रिपल इंजन की सरकार लेगी |


