‘फैसले ने दोहराया इतिहास…’, राहुल गांधी को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत तो बोले जगदगुरू रामभद्राचार्य
‘मोदी सरनेम’ वाले मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी. गुजरात हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
‘मोदी सरनेम’ वाले आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat Highcourt) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की याचिका शुक्रवार (7 जुलाई) को खारिज कर दी. इस पर अब जगदगुरू रामभद्राचार्य (Jagadguru Rambhadracharya) की प्रतिक्रिया सामने आई है.
जगदगुरू रामभद्राचार्य ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा, “गुजरात हाई कोर्ट ने एकदम सही फैसला सुनाया है. न्यायपालिका अपना काम करती है. इस फैसले से यह इतिहास फिर दोहराया गया कि न्यायपालिका किसी की नहीं हो सकती है.”
जगद्गुरु ने कहा, “जब इंदिरा गांधी ने चुनाव में धांधली की थी हाई कोर्ट ने उन्हें बुलाकर दंडित किया था. इलाहबाद हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी को सजा सुनाई और गुजरात हाई कोर्ट ने उनके पोते राहुल गांधी को.” उन्होंने इस फैसले को एकदम उचित बताया है.
‘5 साल की सजा मिलनी चाहिए थी’
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, “राहुल को सजा कम सुनाई गई. उन्हें कम से कम 5 साल की सजा सुनानी चाहिए थी. सुप्रीम कोर्ट से भगवान जाने उन्हें राहत मिलेगी या नहीं लेकिन हमको तो ऐसा नहीं लगता है कि सुप्रीम कोर्ट भी उन्हें राहत देगा.”
बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
वहीं, पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के मतदान के दौरान हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा, “बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए क्योंकि ममता बनर्जी को एक वर्ग विशेष से ममता है उन्हें अब हिंदूओं से कोई ममता नहीं रही.”