अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिकंन ने कहा है कि भारत और चीन के नेताओं द्वारा यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष अपनी चिंताएं प्रकट करना स्पष्ट करता है कि पूरी दुनिया यूक्रेन में रूस की आक्रामक कार्रवाई के प्रभावों को लेकर फिक्रमंद है।उल्लेखनीय है कि समरकंद में एससीओ बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक में यूक्रेन में संघर्ष को जल्द समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है। फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं के बीच पहली बार आमने-सामने मुलाकात हुई है। समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने यूक्रेन में अस्थिरता को जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान करते हुए लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति के महत्व को रेखांकित किया।ब्लिंकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा आप चीन, भारत से जो सुन रहे हैं, वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का न केवल यूक्रेन के लोगों बल्कि पूरी धरती के लोगों और देशों पर असर को लेकर विश्व की चिंता दिखाता है। उन्होंने कहा, यह केवल यूक्रेन और उसके लोगों पर आक्रमण नहीं है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों पर आक्रमण है, जो शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में मदद करते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री यूक्रेन में युद्ध को लेकर चीन तथा भारत के नेताओं द्वारा सीधे पुतिन के समक्ष चिंता व्यक्त करने के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।ब्लिंकन ने कहा हमने हाल के महीनों में खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने पर काफी ध्यान केंद्रित किया और काफी वक्त लगाया है। ये चुनौतियां रूस के आक्रमण से बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। हम पहले ही कोविड से ग्रस्त रहे हैं, हमने जलवायु परिवर्तन की मार झेली, जिसका खाद्य सुरक्षा पर गहरा असर पड़ा है। इस युद्ध के कारण अब हमारे 20 करोड़ से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं उन्होंने कहा, दुनियाभर के नेता यह महसूस कर रहे हैं। इसलिए मुझे लगता है कि आप जो देख रहे हैं वह इस बात की अभिव्यक्ति है यह पूरी धरती के लोगों के हितों के खिलाफ हमला है और मुझे लगता है कि यह रूस पर युद्ध खत्म करने का दबाव बढ़ाता है।