IED Blast: कोंटा में नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे शहीद, IED ब्लास्ट से कांप उठा बस्तर
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र से सोमवार सुबह एक दर्दनाक और चौंकाने वाली खबर आई, जिसने पूरे पुलिस बल और प्रदेश को हिला दिया। कोंटा में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाश राव गिरिपुंजे नक्सलियों द्वारा किए गए IED धमाके में शहीद हो गए। यह हमला रविवार रात उस वक्त हुआ जब नक्सलियों ने कोंटा-एर्राबोर मार्ग पर स्थित डोंडरा क्षेत्र में एक गिट्टी खदान में खड़ी जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया था।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की एक टीम मौके पर रवाना हुई, जिसकी अगुवाई स्वयं एएसपी आकाश राव कर रहे थे। वे सबसे आगे चल रहे थे, जबकि बाकी जवान पीछे थे। जब वे घटनास्थल पर पहुंचकर जलती हुई जेसीबी मशीन के पास पहुंचे, उसी समय एक शक्तिशाली IED विस्फोट हुआ। धमाका इतना भीषण था कि एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे गंभीर रूप से घायल हो गए—उनके शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और वे वहीं गिर पड़े।
इस हमले में उनके पीछे मौजूद कोंटा एसडीओपी भानुप्रताप चंद्राकर और थाना प्रभारी सोनल ग्वाल भी घायल हो गए। तीनों को तुरंत कोंटा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एएसपी आकाश राव को मृत घोषित कर दिया। घायल दोनों अफसरों को रायपुर ले जाया गया, जहां फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
यह पिछले 16 वर्षों में ऐसा पहला मामला है जब किसी बड़े पुलिस अधिकारी की नक्सली हमले में शहादत हुई है। आकाश राव गिरिपुंजे एक जांबाज अफसर थे, जिनकी गिनती जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों में होती थी। उनके शहीद होने की खबर ने पूरे छत्तीसगढ़ में शोक की लहर दौड़ा दी है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तुरंत राजनांदगांव का अपना तय दौरा रद्द कर दिया और राजधानी रायपुर लौट आए। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय आपात बैठक की। उन्होंने नक्सली ऑपरेशनों की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि घायलों का इलाज प्राथमिकता पर हो और ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस रणनीति बनाई जाए।
मुख्यमंत्री साय इसके बाद खुद रायपुर के अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायल अफसरों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार शहीद अधिकारी के परिजनों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी और नक्सलियों के खिलाफ अभियान को और भी तीव्र गति से चलाया जाएगा।
आकाश राव गिरिपुंजे की शहादत केवल पुलिस विभाग ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक गहरी क्षति है। वे उन अफसरों में से थे जो हमेशा फ्रंटलाइन पर डटे रहते थे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करना उनके लिए केवल एक ड्यूटी नहीं, बल्कि एक मिशन था। उनके जाने से न केवल एक बहादुर अफसर खोया गया, बल्कि उनके साथियों और अधीनस्थों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी चला गया।