निगम की सत्ता पाकर भी आप पार्टी नहीं कर पा रही जनता के काम : कैलाश जैन

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निगम की सत्ता पाकर भी आप पार्टी नहीं कर पा रही जनता के काम : कैलाश जैन
निगम की सत्ता पाकर भी आप पार्टी नहीं कर पा रही जनता के काम : कैलाश जैन

निगम की सत्ता पाकर भी आप पार्टी नहीं कर पा रही जनता के काम : कैलाश जैन

 

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता नें नगर निगम की सत्ता की बागडौर इसलिए सौंपी थी की दिल्ली सरकार और नगर निगम का टकराव खत्म हो जाएगा और राजधानी के विकास की गति जोर पकड़ेगी | लेकिन ऐसा नहीं हुआ ,यह कहना है बाबरपुर जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कैलाश जैन का |

कैलाश जैन कहते  हैं कालोनियों का सफाई सिस्टम पहले से भी ज्यादा बदहाल हो चुका है | नालियाँ टूटी पड़ी हैं सडकों तथा गलियों की हालत खस्ता
है | डिस्पेंसरियों में दवाओं की भारी कमी हैं निगम के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है | केवल विज्ञापनों के शेयर चलने वाली सरकार जानकर भी अनजान  बनी हुई है | कैलाश जैन कहते हैं कि 8 महीने में दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी नाकामी अभी तक स्थायी समिति और वार्ड कमेटियां का गठन नही हुआ है, जिसका खामियाजा दिल्ली भुगत रही है। दिल्ली में मानसून के कारण जल भराव और सड़के झील में तबदील इसलिए हुई क्येांकि दिल्ली नगर निगम ने डिस्लिटिंग का कार्य किया ही नही। नालों की सफाई की चर्चा करने जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जब दोनों दलों को एक होना चाहिए था, एकमत न होकर सदन में एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी करके दिल्ली वालों का पैसा बर्बाद कर कर
दिया।

कैलाश जैन  ने कहा कि एक जानकारी के अनुसार निगम के 200 से ज्यादा प्रस्ताव लंबित चल रहे है, जिनकों स्थायी समिति का गठन न होने के कारण
मंजूरी नही मिली है। तीन मुद्दों नालो की सफाई, डेंगू-मलेरिया और बाढ़ के हालातों को लेकर चर्चा के बुलाया गया सदन शोर शराबे की भेट चढ़ गया। उन्होंने कहा कि राजधानी में बढ़ते डेंगू के प्रकोप पर नियंत्रण करने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम कोई सक्रिय कार्यवाही नही कर रही है। कैलास जैन  ने कहा कि एक तरफ दिल्ली में जल जनित बीमारियां व गंदगी, मच्छरजनित बीमारियां मलेरिया और डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है, अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है और दूसरी ओर डीबीसी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना दिल्ली नगर निगम की विफलता को उजागर करता है।  उन्होंने कहा कि निगम के सदन की महत्वपूर्ण बैठक में एजेंडे से हटकर राजनीतिक  महत्वाकांक्षाओं  को लेकर हंगामा होना असंवेदनशील और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए संकट उत्पन्न करने वाला है।

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