महाराष्ट्र में आखिरकार नई सरकार का गठन हो गया. कई दिनों तक ना-ना करने वाले एकनाथ शिंदे न सिर्फ पहले सीएम पद छोड़ने को तैयार हुए, बल्कि उन्होंने आखिरी समय पर डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ली. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर एकनाथ शिंदे कैसे डिप्टी सीएम पद के लिए तैयार हो गए. क्या बीजेपी आलाकमान ने उन्हें इस पद के लिए मनाया, जैसा 2022 में हुआ था. तब देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम पद के लिए राजी नहीं थे और सरकार में शामिल नहीं होना चाहते थे. लेकिन बीजेपी आलाकमान के समझाने के बाद वे इस पद को लेने के लिए तैयार हो गए थे. एक इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे घटनाक्रम की Inside Story बताई.
जब फडणवीस से पूछा गया कि आखिर एकनाथ शिंदे अंतिम समय पर डिप्टी सीएम पद के लिए कैसे माने? क्या दिल्ली से (पीएम मोदी या अमित शाह का) कोई फोन उन्हें आया था. इस पर फडणवीस ने बताया, ये गलत है. मेरी उनसे एक दिन पहले भी बात हो गई थी और मैंने लेटर भी भेज दिया था उनके नाम का. हालांकि, उनकी पार्टी में दो राय चल रहीं थीं. आम राय तो ये थी कि शिंदे जी को सरकार में शामिल होना चाहिए. कुछ लोगों की राय थी कि शिंदे डिप्टी सीएम न बनें.
देवेंद्र फडणवीस ने बताया, शिंदे जी की मैंने एक आदत देखी है कि वे आराम से चीजों को सुनते हैं, इसके बाद फैसला करते हैं. सबसे बातचीत करते हैं. टिकट बंटवारे के समय भी आखिर समय तक वे चर्चाएं करते रहे. लेकिन उनका फैसला (डिप्टी सीएम) पक्का हो गया था. उन्होंने पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया. फडणवीस ने बताया, मेरी जो उनसे पहले मीटिंग हुई थी. जब हम दोनों मिले तभी यह फाइनल हो गया था.
2022 में एकनाथ शिंदे को क्यों बनाया गया था सीएम?
फडणवीस से जब पूछा गया कि 2022 के बाद ऐसा बदल गया कि बीजेपी ने अब सीएम पद अपने पास रखने का फैसला किया. इस पर फडणवीस ने कहा, देखिए 2022 में शिंदे जी ने जिस समय एक प्रकार से उठाव किया और यह कहा कि इस सरकार में मैं नहीं रहना चाहता. मैं ऐसा मानता हूं कि उस समय एक बड़ा रिस्क था. कई बार इस तरह के रिस्क राजनीति को खत्म कर देते हैं. यही वजह थी कि मैंने खुद हमारे नेताओं को यह प्रस्ताव दिया था कि हमें शिंदे जी को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए क्योंकि उनके साथ जो लोग आए हैं, उन्हें कॉन्फिडेंस दे सकें. उस समय यह सोच समझकर हमने तय किया था कि शिंदे जी को हमने सीएम बनाया.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हालांकि, ये अंदर की बातें हम कार्यकर्ताओं को नहीं बता सकते. उस समय भी कार्यकर्ताओं का रिएक्शन था कि भाई हम सबसे पार्टी हैं फिर हमारा सीएम क्यों नहीं? लेकिन फिर हमने धीरे धीरे कार्यकर्ताओं को समझाया.
इस बार बीजेपी ने क्यों रखा सीएम पद?
फडणवीस ने कहा, इस बार नंबर ऐसे थे कि कार्यकर्ताओं को समझाना कठिन हो गया था. नेताओं को भी ऐसा लग रहा था कि इस नंबर के बाद हम बीजेपी का मुख्यमंत्री नहीं बनाते तो देशभर में मौजूद बीजेपी के कार्यकर्ताओं में मायूसी आ जाएगी. इसलिए एकनाथ शिंदे जी ने भी यही बात कही कि हमें सीएम अपना बनाना चाहिए.