अजित पवार गुट ने भांप लिया सियासी माहौल? अब पार्टी प्रवक्ताओं को दिया ये अहम निर्देश

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अजित पवार गुट ने भांप लिया सियासी माहौल? अब पार्टी प्रवक्ताओं को दिया ये अहम निर्देश

एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे ने नोटिस जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि प्रवक्ताओं को मीडिया में टिप्पणी करने से पहले नेतृत्व के साथ चर्चा करनी चाहिए.

महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं और प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. इस बीच अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने गुरुवार (27 जून) को अपने पार्टी के प्रवक्ताओं (Spokespersons) से ऐसी टिप्पणियां करने से परहेज करने को कहा जिससे सहयोगियों के बीच कलह हो सकती है. एनसीपी की महाराष्ट्र यूनिट के प्रमुख सुनील तटकरे ने इस संबंधन में नोटिस जारी किया है.

महाराष्ट्र में अजित पवार गुट की एनसीपी सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ का हिस्सा है. इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ ही बीजेपी भी शामिल है. एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि प्रवक्ताओं को मीडिया में टिप्पणी करने से पहले नेतृत्व के साथ नीतिगत निर्णयों पर चर्चा करनी चाहिए.

नेता ने बताया है कि सुनील तटकरे की ओर से जारी नोटिस में पार्टी प्रवक्ताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनकी टिप्पणियों से गठबंधन सहयोगियों के बीच कलह न हो. यह निर्देश बीजेपी और शिवसेना के कुछ नेताओं द्वारा सत्तारूढ़ गठबंधन में अजित पवार की उपयोगिता के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों के जवाब में एनसीपी के कुछ प्रवक्ताओं के बयानों के बीच आया है.

महाराष्ट्र में कैसा रहा महायुति का प्रदर्शन

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान महायुति का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है. सत्तारूढ़ गठबंधन महाराष्ट्र की 48 सीटों में से सिर्फ 17 सीटें जीतने में कामयाब रहा. लोकसभा चुनाव में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी केवल एक सीट पर विजयी हुई. वहीं, बीजेपी को 9 सीटों पर जीत मिली, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना ने 7 सीटों पर कब्जा जमाया.

लोकसभा चुनाव 2024 में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने हाल ही में बारामती निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था, जहां उनका मुकाबला मौजूदा सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से था. सुनीता पवार को 1.58 लाख वोटों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि पिछले साल जुलाई में NCP में बगावत हो गई थी, जिसके बाद अजित पवार और उनके विधायक शिंदे सरकार में शामिल हो गए. पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई में अजित पवार को असली एनसीपी माना गया था.

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