Delhi साकेत कोर्ट का एम्स के डॉक्टर को राहत देने से इनकार, रेप केस में किया तलब
साकेत कोर्ट ने डॉ. दीपक गुप्ता को 26 फरवरी को कोर्ट में तलब किया. अदालत ने आरोपी की दो बहनों और भाई को यह कहते हुए तलब नहीं किया कि गुप्ता और शिकायतकर्ता की शादी नहीं हुई थी.
दिल्ली की एक अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक डॉक्टर को तलब किया है. कोर्ट ने यह आदेश एम्स के डॉक्टर को साथी महिला डॉक्टर को शादी का झांसा देकर बलात्कार करने के आरोप में जारी किया. इस मामले को साकेत कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौड़ ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को डॉ. दीपक गुप्ता के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने के लिए पहली नजर में पर्याप्त माना.
साकेत कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विजयश्री राठौड़ ने कुछ महत्वपूर्ण कागजात की जांच करने के बाद कहा, “मैं आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 377, 313 और 506 के तहत अपराध का संज्ञान लेती हूं.” मजिस्ट्रेट ने कहा, ”मैंने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत चालान, दर्ज बयान और साक्ष्यों को देखा है. आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि ये सभी चीजें मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त हैं.”
डॉक्टर के भाई-बहन को इस आधार पर दी राहत
साकेत कोर्ट ने इस मामले में संबंधित थाना प्रभारी के माध्यम से डॉ. दीपक गुप्ता को 26 फरवरी को तलब करने का निर्देश दिया. अदालत ने आरोपी की दो बहनों और भाई को यह कहते हुए तलब नहीं किया कि गुप्ता और शिकायतकर्ता की शादी नहीं हुई थी, इसलिए उनके खिलाफ कोई विशेष आरोप नहीं बनता और कथित अपराध को अंजाम देने में तीनों की कोई भूमिका नहीं प्रतीत होती है.
महिला डॉक्टर को गर्भपात के लिए किया मजबूर
एफआईआर के मुताबिक एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉ. गुप्ता ने शादी के बहाने शिकायतकर्ता, जो एक डॉक्टर भी है, के साथ कथित तौर पर कई बार रेप किया. उन पर एक “दिखावटी शादी” के बाद शिकायतकर्ता को गर्भपात कराने के लिए मजबूर करने का भी आरोप है.
डॉक्टर के खिलाफ हौज खास थाने में दर्ज हैं मामले
दिल्ली के हौज खास थाने में डॉ. दीपक गुप्ता के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामले दर्ज किए गए थे.