जानलेवा मांझे की बिक्री रोकने में नाकाम है दिल्ली सरकार : वेद प्रकाश बेदी

0
88

 

जानलेवा मांझे की बिक्री रोकने में नाकाम है दिल्ली सरकार : वेद प्रकाश बेदी
* केंद्र सरकार भी नहीं बच सकती जिम्मेदारी से

– शिवा कौशिक –

नई दिल्ली ,नाकामी, भ्रष्टाचार, गलतियां और आम आदमी पार्टी की इन खूबियों से दिल्ली के लोगों की जाती जान यह अब एक आम बात हो गई है और यही है
गंभीर विषय की दिल्ली की सत्ता पर बैठी आम आदमी पार्टी की नाकामी और गलतियों का नुकसान अब दिल्ली की जनता को अपनी जान दे कर चुकाना पड़ रहा है, ऐसा कहना है दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट वेद प्रकाश बेदी का। वेद प्रकाश बेदी ने कहा की अभी तक अखबारों में यह खबरें छपनी बंद भी नहीं हुई थी की दिल्ली में बारिश के मौसम में हुए जलभराव की वजह से लोगों की करंट लगने से या मैनहोल में गिरने से मौत हो गई इतने में ही अपनी नाकामी का सबूत देते हुए आम आदमी पार्टी दिल्ली में जानलेवा मांझे की बिक्री को नहीं रोक पाई जिस वजह से न जाने कितने ही पक्षी गंभीर रूप से घायल हो गए और न सिर्फ पक्षी बल्कि दिल्ली यातायात पुलिस के एक एएसआई मांझे की चपेट में आ गए जिस वजह से उनका गला कट गया हालाकि अच्छी बात यह है की अब वह ठीक है।

वेद प्रकाश बेदी ने कहा की दिल्ली में जंगलराज जैसी स्थिति बनी हुई है, दिल्ली सरकार को दिल्ली की जनता की जान की कोई फिक्र ही नहीं है आम आदमी पार्टी तो बड़ी मुश्किल से जमानत पर बाहर आए मनीष सिसोदिया का ही स्वागत करने में लगी हुई है। वेद प्रकाश बेदी ने कहा की मनीष सिसोदिया केस से बरी हो कर नही आए है सिर्फ जमानत पर बाहर आए है वो भी शर्तों के साथ। वेद प्रकाश बेदी ने कहा की खबरों की माने तो दिल्ली के पक्षी अस्पतालों में लाए गए मांझे से घायल पक्षियों में 25 मृत पाए गए जबकि 200 से अधिक गंभीर रूप से जख्मी थे। वेद प्रकाश बेदी ने आगे कहा की जानलेवा मांझे से हुई घटनाओं में गलती आम आदमी पार्टी के साथ साथ केंद्र सरकार की भी है। वेद प्रकाश बेदी ने कहा की आम आदमी पार्टी इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वह दिल्ली की सत्ता पर बैठी है और दिल्ली की जनता की रक्षा करना दिल्ली सरकार का फर्ज है, आम आदमी पार्टी का फर्ज है, यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह दिल्ली में जानलेवा मांझे की बिक्री करने वालों को पकड़े वही केंद्र सरकार इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन आती है और केंद्र सरकार को भी जानलेवा मांझे की बिक्री की रोक के मामले पर अपना संज्ञान लेना चाहिए था लेकिन दुख की बात यह है की केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों ही मस्त है और दिल्ली की जनता त्रस्त है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here