Delhi Elections 2025: क्या मां की विरासत वापस ले पाएंगे कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित? जानें उनका राजनीतिक सफर

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संदीप दीक्षित
Delhi Elections 2025: क्या मां की विरासत वापस ले पाएंगे कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित? जानें उनका राजनीतिक सफर

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट से वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता प्रवेश वर्मा से है. संदीप दीक्षित के लिए यह सीट एक विरासत का सवाल बन चुकी है, क्योंकि उनकी मां और दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित ने इस सीट पर पहले जीत हासिल कर चुकी हैं.

संदीप दीक्षित कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित के बेटे हैं. उनके लिए नई दिल्ली सीट पर चुनावी चुनौती सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राजनीतिक विरासत से जुड़ी हुई है. शीला दीक्षित ने 2008 में इस सीट पर जीत हासिल की थी जब यह सीट अस्तित्व में आई थी. इससे पहले वह गोल मार्केट से विधायक थीं. तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 2013 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल से हार का सामना करना पड़ा था.

संदीप दीक्षित ने इस कॉलेज से की पढ़ाई 
राजनीति में आने से पहले संदीप दीक्षित ने सामाजिक विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में भाग लिया. उन्होंने ‘संकेत सूचना और अनुसंधान एजेंसी’ नामक सामाजिक विकास समूह का नेतृत्व किया. सोनीपत स्थित ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में वह संकाय सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं. संदीप दीक्षित ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से मास्टर डिग्री की है और इसके बाद ग्रामीण विकास में अध्ययन किया है.

15 साल से ज्यादा समय तक राजस्थान, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संदीप दीक्षित ने ग्रामीण विकास और मानव विकास के मुद्दों पर काम किया है. पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से 2004 और 2009 में सांसद रहे संदीप दीक्षित हमेशा अरविंद केजरीवाल के विरोध में रहते हैं. जब भी कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की कोशिश की, संदीप दीक्षित ने इसका विरोध किया है.

आप से गठबंधन पर क्या बोले थे संदीप दीक्षित?
साल 2019 में जब कांग्रेस और आप के गठबंधन की चर्चा हुई, तब संदीप ने कहा था कि आत्मसम्मान से बड़ी कोई चीज नहीं है. हम अपने सम्मान को छोड़कर उनके साथ खड़े नहीं हो सकते. हाल ही में आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी और संजय सिंह ने संदीप दीक्षित पर गंभीर आरोप लगाए थे. आप नेताओं ने उन पर बीजेपी और कांग्रेस से करोड़ों रुपये लेने और आप को हराने के लिए बीजेपी के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया था.

संदीप दीक्षित की छवि एक साफ-सुथरे और पढ़े-लिखे नेता के रूप में बनी है, जो कांग्रेस के लिए नई उम्मीद पैदा कर सकते हैं. दीक्षित का जन्म 15 अगस्त 1964 को हुआ था. उनके पिता विनोद दीक्षित उत्तर प्रदेश कैडर के एक आईएएस अधिकारी थे. संदीप दीक्षित की पत्नी का नाम मोना दीक्षित है और उनको एक बेटी भी है.

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