दिल्ली में नई शराब नीति की लेकर जारी बवाल के बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर LG के फैसलों पर ही सवाल खड़े कर दिए है। मनीष सिसोदिया ने ये दावा किया है कि दिल्ली सरकार की नई शराब नीति को उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ही लागू किया गया था। इसके साथ ही आज सिसोदिया ने कई अहम खुलासे किए। उन्होंने कहा कि मई 2021 में पॉलिसी उपराज्यपाल के पास भेजी गई थी। एलजी ने पॉलिसी के लिए सुझाव दिए। उनके सुझाव को शामिल करने के बाद जून 2021 में पॉलिसी को पास किया गया था। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि नई शराब नीति को रद्द करने का फैसला LG ने बिना कैबिनेट से बात किए बदल दिया। इससे दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। हमने इस मामले में सीबीआई को पत्र लिखा और जांच की मांग की है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि उपराज्यपाल ने यह फैसला किसके कहने पर लिया। सरकार को जो फायदा होना चाहिए वो हुआ नहीं। उसके पीछ यही कारण था कि पॉलिसी में अचानक बदलाव करना पड़ा। एलजी ने अगर अपना फैसला नहीं बदला होता तो सरकार को नुकसान की जगह करोड़ो रुपये का फायदा होता। सिसोदिया ने कहा कि एलजी ने अचानक अपना फैसला क्यों बदला और किसके कहने पर बदला, इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।