कांग्रेस : जिला प्रधानी भी चाहिए लोकसभा की टिकट भी पूर्व विधायक को,आसान  नहीं है जुबेर अहमद का विकल्प ढूँढना

0
74
कांग्रेस : जिला प्रधानी भी चाहिए लोकसभा की टिकट भी पूर्व विधायक को,आसान  नहीं है जुबेर अहमद का विकल्प ढूँढना
         – अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,अरविन्द्र सिंह लवली के दिल्ली कांग्रेस  अध्यक्ष बनने के बाद  कांग्रेस वर्करों में यह उम्मीद जगी है  कि कांग्रेस एक बार फिर से मजबूती के साथ दिल्ली में खड़ी होगी | लेकिन कांग्रेस को इस हालत मेंपहुँचाने वाले चंद पूर्व विधायक लगातर तीन-तीन बार विधानसभा चुनावों में जनता द्वारा नकारने तथा अपनी जमानते जब्त कराने और तीसरे तथा चौथे नम्बर पर रहने के बाद भी कांग्रेस की जड़ों में मट्ठा डालने का ही काम कर रहे हैं | उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं कि उनकी इन हरकतों से पार्टी को क्या नुकसान होगा बल्कि उन्हें धरातल में समा  चुकी पार्टी के जज्बातोंम से खेलने में कुछ अलग ही मजा आता है |
जी हां हम बात कर रहे हैं बाबरपुर जिला कांग्रेस की जहां का नेत्रत्व जमीनी युवा जुबेर अहमद के हाथों में हैं लेकिन कुछ लोगो की आँखों में जुबेर शायद इसलिए खटक रहें  है कि विधानसभा चुनावों में चार वार्डों से भी उन्हें पांच हजार से अधिक वोटम नहीं मिले जबकि जुबेर अहमद उस दौर में अपने वार्ड से नगर निगम के उप चुनाव में आठ हजार से भी अधिक अन्तराल  से जीत दर्ज कर सदन में पहुंच गए थे जब कांग्रेस लोकसभा के साथ साथ विधानसभा में भी शून्य पर थी |
इतना ही नहीं निगम के आम चुनावों में उसी वार्ड से जुबेर की धर्मपत्नी दस हजार से भी अधिक मतों से विजयी रही थी | अब इसी जिले के एक पूर्व विधायक जो ना केवल कई बार विधानसभा चुनाव हार चुके है बल्कि जमानत भी जब्त करा चुके हैं की नजर खाली समय में इस पद पर अटकी है | यह बात अलग है उन्होंने इस पद के लिए दिखावी  तौर पर दिलासा किसी और को दे दावेदार बनाया हुआ हैम लेकिन हकीकत यह है उन्हें जिलाध्यक्ष पद भी चाहिए और लोकसभा की टिकिट भी , भले ही गठबंधन हो या नहीं | लेकिन उनकी हसरतें शायद ही पूरी हों क्योंकि गठ्बन्धन में यह सीट आम आदमी पार्टी नहीं छोड़ना चाहेगी और चुनाव लोकसभा तो क्या यदि विधानसभा चुनाव भी साथ हुए तो गठ्बन्धन उसमें भी लाजमी होगा | जिलाध्यक्ष पद से चुनावी मौसम में अल्पसंख्यक खाते से जुबेर अहमद को छेड़ना ना केवल कांग्रेस को भारी पड़ सकता है बल्कि गठ्बन्धन प्रत्याशी को भी लेने के देने पड़ जायेगें | वैसे भी जुबेर के पिता मतीन अहमद की पूरे लोकसभा क्षेत्र में एक अलग ही धाक है | वे जितने  शालीन है किसी से छिपा नहीं है और कितने धाकड़ हैं आर.के.धवन प्रकरण लोग अभी भूले नहीं है जब वे कांग्रेस से बागी हो निर्दलीय चुनाव लड़ विधायक बन गए थे | कुल मिला अरविन्द्र सिंह लवली जमीन से जुड़े नेता हैं वे गुना भाग में माहिर है कोई भी निर्णय लेने से पहले पूर्व विधायकों को ही नहीं वर्करों को भी बराबर का सम्मान देंगे इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here