भरतपुर को CM भजनलाल देंगे बायोलॉजिकल पार्क की सौगात! जंगली जानवरों का होगा करीब से दीदार

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Painted Storks (Mycteria lecucophala) at its tree-top nests.

भरतपुर को CM भजनलाल देंगे बायोलॉजिकल पार्क की सौगात! जंगली जानवरों का होगा करीब से दीदार

भरतपुर का केवलादेव नेशनल पार्क देशी विदेशी पक्षियों का घर माना जाता है. इसी क्रम में प्रदेश सरकार यहां एक दर्शनीय स्थल बनाने की तैयारी कर रही, जिसका खाका तैयार हो गया है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर को जल्द ही बड़ी सौगात देने वाले हैं. भरतपुर वन विभाग के जरिये यहां बायोलॉजिकल पार्क बनाने का प्रस्ताव बनाकर भेजा है. प्रशासन की तरफ इस प्रोजेक्ट को मूर्त रुप देने के लिए संभावनाओं की तलाश शुरू हो गई.

इसके तहत वन विभाग ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर केवलादेव नेशनल पार्क के साथ मलाह क्षेत्र और आगरा- जयपुर नेशनल हाईवे के पास कुछ जमीनों का सर्वे भी किया है. वन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर अनुमोदन के लिए सरकार के पास भेजा है.

70 करोड़ में बनेगा बायोलॉजिकल पार्क! 

वन विभाग के जरिये तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार, लगभग 70 करोड़ की लागत से बायोलॉजिकल पार्क का निर्माण कराया जायेगा. भरतपुर को पक्षियों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में अगर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के द्वारा बायोलॉजिकल पार्क की सौगात भरतपुर को दी जाती है, तो यहां पर पर्यटन के व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा.

पार्क से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

भरतपुर स्थित केवलादेव नेशनल पार्क में देश- विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक पक्षियों के अठखेलियों को निहारने के लिए आते हैं. बायोलॉजिकल पार्क बनने से पर्यटकों को शेर, लेपर्ड, बाघ, जलीय जीव, घड़ियाल, मगरमच्छ भी देखने को मिलेंगे.

भरतपुर में आने वाले पर्यटकों को केवलादेव नेशनल पार्क, किला और संग्राहलय के अलावा बायोलॉजिकल पार्क भी घूमने को मिलेगा. भरतपुर में बायोलॉजिकल पार्क बनने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

30 हेक्टेयर जमीन की होगी जरुरत 

भरतपुर में बायोलॉजिकल पार्क बनाने के लिए लगभग 30 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी. वन विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि जमीन केवलादेव नेशनल पार्क के आसपास ही हो. जिससे पर्यटक केवलादेव नेशनल पार्क के साथ बायोलॉजिकल पार्क को भी आसानी से देख सकें.

‘जयपुर भेजा गया पार्क का प्लान’

केवलादेव नेशनल पार्क के उपवन संरक्षक मानस सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा है भरतपुर जिला मुख्यालय पर केवलादेव नेशनल पार्क के आसपास ही बायोलॉजिकल पार्क बनाया जाए. उन्होंने बताया कि हालांकि भरतपुर जिला मुख्यालय पर वन विभाग की कोई ऐसी जमीन नहीं है जहां पर बायोलॉजिकल पार्क बनाया जा सके.

उपवन संरक्षक मानस सिंह मुताबिक, इसके लिए जिला प्रशासन से मिलकर दो तीन जगह देखी गई हैं, लेकिन वह खातेदारी की भूमि है. बायोलॉजिकल पार्क का प्लान बनाकर जयपुर भेजा गया है. सरकार की तरफ से बायोलॉजिकल पार्क बनाने का फैसला आने के बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

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