अमेरिका और चीन आज से 26 साल पहले भी ताइवान को लेकर आमने-सामने आ चुके हैं। विडंबना यह है कि वह संकट भी एक विवादास्पद यात्रा के साथ शुरू हुआ था, हालांकि तब ताइवानी नेता अमेरिका गए थे। 1995-96 में में ऐसी ही एक यात्रा के कारण चीन और ताइवान आमने-सामने आ गए थे। उस समय तो चीन ने ताइवान के ऊपर परमाणु हमला करने में सक्षम मिसाइल तक दाग दी थी। यह मिसाइल राजधानी ताइपे के ऊपर से उड़ान भरती हुई पूर्वी तट से 19 मील की दूरी पर गिरी थी। गनीमत यह रही कि यह मिसाइल हमले के समय परमाणु वॉरहेड से लैस नहीं थी। अब अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने से नाराज चीन ने ताइवान की खाड़ी में लाइव मिलिट्री ड्रिल यानी युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। इसमें उसने अपने सबसे बड़े विमानवाहक जंगीपोत, परमाणु हथियार संपन्न सुपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल, स्टेल्थ फाइटर जेट्स, निगरानी और जासूसी वाले विमानों के साथ एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स और हमलावर युद्धक पोत का प्रदर्शन किया है। चीनी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुतबिक इस युद्धाभ्यास में आसमानी हमला, जमीनी युद्ध और समुद्री युद्ध तीनों ही शामिल होगा। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने जे-20 विमान, एच-6के बॉम्बर, जे 11 फाइटर जेट, 052डी डिस्ट्रॉयर, 056ए कॉरवेट, डीएफ 11 रेंड बलिस्टिक मिसाइल तैनात की है। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ताइवान पर कौन सी मिसाइल दागी जाएगी।