ईडी के सामने सीएम केजरीवाल के पेश नहीं होने पर बीजेपी का हमला, लगाए ये गंभीर आरोप
दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने छठी बार सम्मन जारी किया है. ईडी के सामने लगातार पेश होने से बचने को लेकर बीजेपी सीएम केजरीवाल पर लगातार हमले बोल रही है.
मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर से पूछताछ और जांच में शामिल होने के लिए सम्मन जारी किया है. ईडी ने सोमवार (19 जनवरी) को उन्हें पूछताछ के लिए ईडी के सामने प्रस्तुत होने को कहा है. इससे पहले 2 नवंबर 2023, 21 दिसंबर 2023 और 3 जनवरी 2024, 13 जनवरी, जबकि 31 जनवरी को पांचवा सम्मन भेज कर ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था.
इन सभी सम्मन पर वे ईडी के सामने पूछताछ और जांच में जुड़ने के लिए पेश नहीं हुए. जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता उन पर लगातार निशाना साध रहे हैं. अब जबकि एक बार फिर से ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है तो बीजेपी की तरफ से उन पर जांच से भागने और बहानेबाजी का आरोप लगाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ सीएम केजरीवाल को झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन की याद दिलाई जा रही है. जिन्होंने लगातार ईडी के सम्मन को नजरअंदाज किया था, हालांकि आखिरकार उन्हें ईडी के सामने पेश होकर उनके सवालों के जवाब देने पड़े, जिसमें असफल रहने पर उनकी गिरफ्तारी भी हुई.
बीजेपी नेताओं ने अपनाया हमलावर रुख
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर लगातार इस तरह से बार-बार जांच से बचने का आरोप लगाते हुए बीजेपी जुबानी हमले बोल रही है. दिल्ली बीजेपी के सचिव हरीश खुराना और बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल के द्वारा ईडी के सम्मन की अवहेलना करने पर खूब खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने कहा कि वे हर बार जांच से बचने के लिए नए-नए बहाने अपना रहे हैं. हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले में ईडी द्वारा रिट दायर करने के बाद वह 17 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगली तारीख को वह निजी तौर पर अदालत में पेश होंगे.
खुराना ने दिलाई हेमंत सोरेन की याद
ईडी के छठे सम्मन भेजे जाने पर दिल्ली बीजेपी के सचिव हरीश खुराना ने सीएम को आड़े-हाथों लेते हुए कहा कि वे लगातार जांच से भाग रहे हैं, हर बार वे एक नया बहाना बना कर ईडी के सवालों से बचना चाह रहे हैं. ईडी के कोर्ट जाने के बाद, उन्होंने जानबूझ कर विधानसभा में विश्वास मत पर बहस रख कर इसे खींचने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी उन्हें सम्मन पर सम्मन भेज रही है और वे लगातार नए-नए पैंतरे अपना कर इससे बच रहे हैं. खुराना ने कहा कि केजरीवाल चाहे कितनी भी कोशिशें कर लें, आखिरकार उन्हें शराब घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सवालों के जवाब देने ही होंगे. वे इससे बच नहीं सकते हैं.
हरीश खुराना ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने ने भी ईडी के 10 सम्मनों की अवहेलना की, कोर्ट भी गए, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली और आखिरकार उन्हें ईडी के सामने प्रस्तुत हो कर उनके सवालों का जवाब देना ही पड़ा. इस दौरान संतोषजनक उत्तर नहीं देने पर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया. ऐसे में केजरीवाल को जांच में जुड़ना चाहिए, क्योंकि ईडी के पास कई सवाल हैं, जिनके जवाब उन्हें देने हैं.
‘बहानों के चैम्पियन सीएम केजरीवाल’
वहीं बीजेपी की बांसुरी स्वराज ने तो कुछ ज्यादा ही आक्रामक रवैया अपनाते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल को बहानेबाजी का चैंपियन करार दे डाला. उन्होंने कहा कि जांच से बचने के लिए पूर्ण बहुमत की केजरीवाल सरकार ने 16 फरवरी को विधानसभा में कॉन्फिडेंस मोशन मूव कर दिया और 17 फरवरी को उस पर बहस रख दी. जिसकी बहस का हवाला देते हुए वे कोर्ट में 17 फरवरी को फिजिकली उपस्थित नहीं हुए. अब जब ईडी ने आज उन्हें फिर से जांच में जुड़ने के लिए बुलाया तो वे एक बार फिर से सम्मन का निरादर कर कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने केजरीवाल को सुझाव देते हुए कहा कि आपके जितने भी पैंतरे हैं वे ज्यादा देर तक आपकी सुरक्षा का कवच नहीं बन सकते हैं, इसलिए जांच में जुड़ जर ईडी के सवालों का जवाब देना ही आपके लिए बेहतर होगा.