संगठन चलाने का जबरदस्त अनुभव है अरविंदर लवली को गठबंधन का पक्षधर माना जाता है उन्हें

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संगठन चलाने का जबरदस्त अनुभव है अरविंदर लवली को गठबंधन का पक्षधर माना जाता है उन्हें
संगठन चलाने का जबरदस्त अनुभव है अरविंदर लवली संगठन चलाने का जबरदस्त अनुभव है अरविंदर लवली को गठबंधन का पक्षधर माना जाता है उन्हेंको गठबंधन का पक्षधर माना जाता है उन्हें

संगठन चलाने का जबरदस्त अनुभव है अरविंदर लवली को गठबंधन का पक्षधर माना जाता है उन्हें

          -अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,करीब दो माह की लंबी कवायद के बाद आखिर कांग्रेस हाईकमान नें दिल्ली कांग्रेस की कमान जमीनी और अनुभवी नेता दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली को सौंप दी है | पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पिछले दो माह से दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी कर रहे थे आखिर दिल्ली कांग्रेस की कमान किसे सौंपी जाए |

अरविंदर सिंह लवली के नाम पर आम सहमति बनती देख उनका चयन किया गया | देवेन्द्र यादव को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन लवली के सामने उनका कद बौना था और दो माह पूर्व देवेन्द्र यादव विवादों में उस वक्त आ गए थे जब उन्होंने संगठन के समानांतर बैठकर करनी शुरू कर दी थी और उन बैठकों में जिला अध्यक्षों तक को नहीं बुलाया गया था | जहां तक अरविन्दर सिंह लवली का सवाल है उनकी पहचान एक जमीनी कार्यकर्ता के रूप में है | स्व.एच.के.एल.भगत के सानिध्य में अपनी सियासी पारी शुरू करने वाले लवली छात्र राजनीति से ही बुलंदियों पर रहे है मनीष तिवारी के साथ उन्होंने लम्बे समय तक एन एस यू आई में काम किया |

अरविन्द्र लवली इतने मृदुभाषी है उनसे यदि कोई एक बार मिल लेता है तो वो उन्ही का बनकर रह जाता है | जमीनी कार्यकर्ताओं से ले पार्टी आलाकमान तक उनके संबंध मधुर हैं | देश भर में आज गठबन्ध की चर्चा है कांग्रेस हाईकमान राजधानी दिल्ली में भी सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी से गठबंधन चाहता है लिहाजा पार्टी को ऐसे नेता की भी जरूरत थी जो पार्टी लाइन को फालो करे | पार्टी  किसी और को ऐसे में कमान सौंप रिस्क लेने के मूड में नहीं थी जो पार्टी पार्टी लाइन की आलोचना करे |

अरविन्दर सिंह लवली कॉलेज के दौरान से ही छात्र राजनीति में सक्रिय थे, जिसके बाद दिल्ली युवा कांग्रेस जिला में महासचिव बने, 1990 में प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव रहे, फिर 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव के रूप में कार्य किया। 1998 में पहली बार गांधी नगर विधानसभा से चुनाव जीते थे इसके बाद 2003, 2008 और 2013 सहित चार बार विधायक रहे। दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री, राजस्व, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन, भाषा, गुरुद्वारा चुनाव व स्थानीय निकाय एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जैसे मंत्री के अहम पदों की जिम्मेदारी निभाई। अरविंदर सिंह लवली पूर्व में भी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं।

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