भ्रस्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़े हैं अरविन्द  केजरीवाल सरकार नें  : परमानन्द शर्मा

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भ्रस्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़े हैं अरविन्द  केजरीवाल सरकार नें  : परमानन्द शर्मा
भ्रस्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़े हैं अरविन्द  केजरीवाल सरभ्रस्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़े हैं अरविन्द  केजरीवाल सरकार नें  : परमानन्द शर्माकार नें  : परमानन्द शर्मा

भ्रस्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़े हैं अरविन्द  केजरीवाल सरकार नें  : परमानन्द शर्मा

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : अपने छोटे से छोटे काम को भी वर्ल्ड लेवल का बताने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार नें  झूठ बोलने के अलावा कुछ नहीं किया किया है तो केवल भ्रस्टाचार किया है और वो भी वर्ल्ड लेवल का | यह कहना है राम नगर ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष परमानन्द शर्मा का |परमानन्द शर्मा कहते है देश की पहली ऐसी सरकार है जिसके दो दो मंत्री जेल में बंद है और तीसरे  पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है | खुद मुख्यमंत्री भी जांच के दायरे में है पता नही कब उनका भी नंबर लग जाए |

परमानन्द शर्मा कहते है इस सरकार की कोई भी फ़ाइल उठा कर देख लो उसी में भ्रस्टाचार मिलेगा | परमानन्द शर्मा कहते हैं ताजा मामला आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली सरकार में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके 437 आम आदमी पार्टी के समर्थकों को अप्रत्याशित वेतन के साथ भर्ती करने का है |  अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की मनमाने ढंग से नियुक्ति करके दिल्ली के युवाओं के साथ विश्वासघात किया है।

परमानन्द शर्मा  ने कहा कि अपने को सबसे ईमानदार कहने वाले अरविन्द केजरीवाल ने स्वार्थ और निजी हित की राजनीति के अलावा दिल्ली में कुछ नही किया है। संवैधानिक प्रक्रिया में उच्च पद पर मिलने वाले अधिकारी के वेतन से भी अधिक गैर कानूनी रूप से नियुक्त किए गए पार्टी समर्थकों को अधिकतम 2.65 लाख प्रतिमाह और न्यूनतम 60,000 रुपये वेतन पर आसीन करके आपराधिक काम किया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार से पूर्व में दिल्ली में कांग्रेस और भाजपा की सरकारों के मुख्यमंत्री  शीला दीक्षित,  मदन लाल खुराना, सुषमा स्वराज,  साहिब सिंह वर्मा  ने कभी भी अपने पद और पार्टी की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अवैध नियुक्तियां नही की।

परमानन्द शर्मा  ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा चुनी हुई सरकार द्वारा असंवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके निजी लोगों की सीधी भर्ती करना एक आपराधिक मामला है जिसकी जांच होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के उन अधिकारियों को भी दंडित किया जाना चाहिए जिन्होंने अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर गैर कानूनी नियुक्तियों को अंजाम दिया है तथा इसकी भी जांच हो कि इस मामले में किन नेताओं की मिली भगत है। उन्होंने कहा कि इन अवैध नियुक्तियांे के माध्यम से आप पार्टी के समर्थकों ने आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक रुप से काम करते हुए परामर्श के रुप में करोड़ों के सरकारी धन को लूटा है।

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