ईलाज तो कराते ही हैं लोग गाने भी सुनते हैं इह्बास के न्यूरोसर्जन हैड डॉ.पी .के.उपाध्याय से हर माह गाने जारी करते हैं डॉ.उपाध्याय

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ईलाज तो कराते ही हैं लोग गाने भी सुनते हैं इह्बास के न्यूरोसर्जन हैड डॉ.पी .के.उपाध्याय से हर माह गाने जारी करते हैं डॉ.उपाध्याय
ईलाज तो कराते ही हैं लोग गाने भी सुनते हैं इह्बास के न्यूरोसर्जन हैड डॉ.पी .के.उपाध्याय से हर माह गाने जारी करते हैं डॉ.उपाध्याय

ईलाज तो कराते ही हैं लोग गाने भी सुनते हैं इह्बास के न्यूरोसर्जन हैड डॉ.पी .के.उपाध्याय से हर माह गाने जारी करते हैं डॉ.उपाध्याय

– शिवा कौशिक –

नई दिल्ली , पैशन और प्रोफेशन दोनों ही ऐसी चीजें हैं जो हमेशा जिंदगी में हमारे साथ रहती है। पैशन वो होता है जिस काम में हमारी दिलचस्पी होती
है वही प्रोफेशन होता है हमारा पेशा, हमारा व्यवसाय और बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपने पैशन और प्रोफेशन को मिलाकर समाज की सेवा करते हैं और
आज हम एक ऐसे ही व्यक्ति से बात करने वाले हैं जिन्होंने अपने प्रोफेशन के लिए अपने पैशन को नहीं छोड़ा। जी हां हम बात कर रहे है देश के जाने
माने डॉक्टर इहबास अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड, न्यूरो सर्जन डॉ पी के उपाध्याय की। डॉ पी के उपाध्याय ने हमें बताया की सिंगिंग उनका शौक़ है और अपने इसी पैशन को वह अपने प्रोफेशन में भी इस्तेमाल करते है।

डॉ उपाध्याय ने बताया की जब भी कोई मरीज बेहोशी की अवस्था में होता है तो हम उसके कानों में ईयर प्लग्स लगा कर उनको उनका मनपसंदीदा गाना या भजन सुनाते है ताकि उन्हें आराम मिले और सोने के वक्त ईयर प्लगस हटा देते है। डॉ पी के उपाध्याय ने बताया की गाने का शौक़ मुझे बचपन से ही था और जब मैं न्यूरो सर्जन बना तो मेरा पैशन मेरे प्रोफेशन के साथ जुड़ गया। डॉ उपाध्याय ने बताया की कोरोना के दौरान जब सभी लोग अपने घरों में बंद थे उस समय मैनें अपना एक यूट्यूब चैनल बनाया जिसके माध्यम से मैं लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करता था और जरूरी सूचनाएं भी देता था की किस तरह से कोरोना से बचे, क्या क्या सावधानियों का पालन करे, अपनी इम्यूनिटी किस तरह बढ़ाए आदि और इसी यूट्यूब चैनल पर फिर मैंने अपने गाने की विडियोज डाली ताकि मैं कोरोना से बचाव हेतु जितने भी लोग घर पर बैठे है उन सभी का मनोरंजन कर सकूं। डॉ उपाध्याय ने आगे बताया की मेरी म्यूजिक विडियोज लोगों को खास पसंद आने लगी और लोग मुझसे अलग अलग गानों की फरमाइश करने लगे तो उसके बाद फिर मैं लोगों की फरमाइश किए गए गाने गाने लगा।

मेरे द्वारा गाए गए गानों की विडियोज पे बिना किसी प्रचार के 200-300 व्यूज़ आराम से आने लगे और काफी लोगों ने मुझे अपने कमेंट्स के माध्यम से प्रोत्साहित भी किया। मेरे जान पहचान के लोगों को भी मेरे गाने की विडियोज अच्छी लगी और बहुत लोगों ने मुझे कहा की आपका गाना सुनके हम काफी खुश व आनंदित महसूस करते है और आपके गाने की विडियोज हमें डिप्रेशन से भी बाहर निकलने में मदद करती है। डॉ उपाध्याय ने आगे बताया की 2020 के बाद से मैंने अपनी गायकी को अपने प्रोफेशन में, लोगों के इलाज में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।

अपने परिवार के बारे में बात करते हुए डॉ उपाध्याय ने हमें बताया कि उनके बड़े भाई डॉक्टर हैं और उनके पिता प्रिंसिपल रहे हैं और वह अपने बड़े भाई से प्रेरित हो कर डॉक्टर बने है क्योंकि उन्हेंएहसास हुआ कि मेडिकल एक ऐसी लाइन है जिसके माध्यम से वह लोगों की सेवा कर सकते हैं और न्यूरो सर्जरी विभाग में वह अपनी च्वाइस से आए। डॉ उपाध्याय ने आगे बताया की अपने घर में सबसे छोटे हैं तो छोटे होने का उन्हें बहुत फायदा भी मिला है, माता पिता भाई बहन से बहुत प्यार और उनकी बहनों ने हमेशा उनको उनकी कला के प्रति प्रोत्साहित भी किया है। डा उपाध्याय ने हमसे बात करते हुए अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया और हमें बताया कि किस तरीके से वह दिल्ली आए, दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में उन्होंने मुफ्त में काम किया और फिर किस तरीके से वह इहबास अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के हेड, न्यूरो सर्जन डॉ पी के उपाध्याय बने।

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