आबकारी घोटाले के बाद अब स्वास्थ्य सिस्टम की भी खुली पोल : दीपक गाबा

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दीपक गाबा
आबकारी घोटाले के बाद अब स्वास्थ्य सिस्टम की भी खुली पोल : दीपक गाबा

आबकारी घोटाले के बाद अब स्वास्थ्य सिस्टम की भी खुली पोल : दीपक गाबा

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : कैग की रिपोर्ट नें जहां आबकारी सिस्टम की पोल खोल आम आदमी पार्टी की सरकार के कारनामे जनता के सामने रखे थे वहीं एक अन्य रिपोर्ट नें आप पार्टी की सरकार के तथाकथित वर्ल्ड लेवल के स्वास्थ्य सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी शाहदरा जिले के अध्यक्ष दीपक गाबा का | दीपक गाबा कहते हैं धीरे धीरे आम आदमी पार्टी की सरकार के भ्रष्टाचार की परतें जनता के सामने खुलने लगी है और वह दिन दूर नहीं जब जब आप पार्टी की सरकार के पापों का पिटारा पूरे देश के सामने होगा | अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है भाजपा सरकार की शपथ का लेकिन गारंटियों पर काम होना शुरू हो गया है और आने वाले दिनों में यह काम तेजी से शुरू होगा और दिखेगा |

दीपक गाबा कहते हैं दिल्ली विधानसभा में आज स्वास्थ्य सेवाओं पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आप पार्टी की सरकार की झूठी नीतियों और लापरवाही के कारण दिल्ली की जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के 27 सरकारी अस्पतालों में से 14 में आई.सी.यू. तक नहीं हैं, 12 अस्पतालों में एंबुलेंस नहीं हैं, और कई अस्पतालों में जरूरी चिकित्सा उपकरण तक उपलब्ध नहीं हैं। जबकि आप सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के बजाय विज्ञापनों और प्रचार पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन जनता को चिकित्सा सुविधाएँ देने में विफल रही। इतना ही नही आप सरकार जिन मोहल्ला क्लीनिकों का ढिंढोरा पीटती रही उन मोहल्ला क्लीनिकों में भारी अनियमितता थीं। सरकारी अस्पतालों में हजारों पद खाली पड़े थे जिससे स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रभावित होती रही |

लेकिन आप सरकार नें प्रचार के अलावा कुछ कदम नहीं उठाये | जबकि सरकार के पास इन मदों के लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था थी | दीपक गाबा कहते हैं एक तरफ तो आप सरकार के मुखिया कहते थे कोविड के दौरान उनके पास फंड की कमी है वहीं केंद्र सरकार नें जो फंड दिया था उसमे से भी एक बड़ा हिस्सा खर्च नहीं किया गया और करीब 200 करोड़ रूपये बच गए | वहीं लोग आक्सीजन तथा दवाओं का आभाव झेलते दिखे |

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